रैंक- ऑल इंडिया 24
फादर – मनोज अरोरा, (फार्मा इंडस्ट्री)
ऑल इंडिया रैंक-24 और कानपुर जोन के टॉपर ध्रुव अरोरा (कैटेलाइजर)ने बताया कि उनकी फोकस्ड स्टडी ही उनकी सक्सेस का मंत्रा है। उन्होंने कहा, मां के गुजरने के बाद पापा ने मेरी लाइफ में डबल रोल अदा किया। मेरी सफलता फादर्स डे पर उन्हें डेडिकेट करता हूं। मैं हर दिन लगभग 6 घंटे स्टडी करता था और अपने कॉन्सेप्ट हमेशा क्लीयर रखे है। उन्होंने बताया कि मुझे फिजिक्स हमेशा से ही काफी पसंद था और इंटरनेशनल फिजिक्स ओलम्पियाड की तैयारी काफी मददगार रहा। इजराइल में होने वाले इस ओलम्पियाड में गोल्ड मेडल हासिल करना मेरा लक्ष्य है। उन्होंने बताया कि मैं रिवीजन को लेकर काफी सीरियस रहा हूं। मैं कोचिंग के गुरूकुल में रहता था और वहां रूम की दीवार पर मैंने सभी सब्जेक्ट के शॉर्ट नोट्स तैयार कर रखे थे और जेईई एडवांस्ड के एक दिन पहले मुझे रूम में जाकर दो-तीन घंटे का वहां समय बिताना था और वहां अपने नोट्स रिवाइज करने थे। रूम की चाबी नहीं मिलने के कारण रुम का ताला तोडऩा पड़ा। मैंन हर चैप्टर के हिसाब से नोट्स तैयार कर रखे थे। मैं आइआइटी मुंबई से सीएस ब्रांच लेकर पढ़ाई करना चाहता हूं। ध्रुव अरोरा ने जेईई मैंस में ऑल इंडिया रैंक 3 हासिल की थी।
हर दिन 2 मॉक टेस्ट देकर बनी कानपुर जोन गर्ल्स टॉपर नाम- वलया रामचंदानी
फादर – जय रामचंदानी (डॉक्टर)
ऑल इंडिया रैंक – 612
मदर- संतोष रामचंदानी (डॉक्टर)
कल्पवृक्ष की स्टूडेंट वलया रामंचदानी ने ऑल इंडिया रैंक 612 हासिल करके कानपुर जोन में फीमेल टॉपर बनकर शहर का गौरव बढ़ाया है। उन्होंने बताया कि ये मेरा दूसरा अटेम्पट था। पहले अटेम्पट में मेरी रैंक 12 हजार के लगभग आई थी। उसके बाद मैंने सोच लिया था कि इस बार अपना बेस्ट दूंगी और मैंने हर दिन दो मॉक टेस्ट देने के साथ ही। लगभग 12 घंटे हर दिन पढ़े। पहले मेरा फिजिक्स काफी समस्या आती थी उस पर टीचर की गाइडेंस के साथ काम किया तो इम्प्रुवमेंट मिला। जेईई मैन में मुझे 367 रैंक मिली थी। इस बार पेपर का लेवल काफी टफ था जिसका असर रैंकिंग पर देखने को मिला। उन्होंने बताया कि मेरी सक्सेस में मेरे पैरेंट्स का काफी अहम रोल है क्योंकि उन्होंने अपना वर्र्किंग शेड्यूल का मेरे शेड्यूल के हिसाब से चैंज किया। जब भी खुद को स्ट्रेस में देखती थी तो वेब सीरिज देखकर माइंड को रिफ्रेश क रती थी। मैंने पिछले एक साल से स्मार्टफोन से दूरी बनाई रखी।
फादर – एन.के.गुप्ता (इंजीनियर)
मदर – राजश्री गुप्ता
ऑल इंडिया रैंक – 61 अक्षत गुप्ता बताते है कि मेरी सक्सेस का सबसे मंत्रा है कि मैंने कभी भी पढ़ाई को लेकर ज्यादा स्ट्रेस नहीं लिया और हमेशा स्टडी को एन्जॉय किया। मैं उज्जैन का रहने वाला हूं और जेईई की तैयारी इंदौर से की है। उन्होंने कहा, कई बच्चे ऐसा करते है कि एक बुक खत्म होने के बाद कई सारी अलग-अलग बुक्स पढऩा शुरू कर देते है मैंने ऐसा नहीं किया। मैने पढ़ाई को काफी फोकस्ड रखा। मैं हर दिन आठ घंटे की लगभग पढ़ाई की। आपकी सक्सेस में सबसे बड़ा रोल होता है कि आप उस दिन कैसा परफॉर्म करते है। ऑल इंडिया रैंक मैन्स में ८३ रैंक थी एडवांस्ड में रिजल्ट ज्यादा बेहतर रहा।
फादर – प्रदीप कुमार शर्मा (प्राइवेंट कंपनी में जॉब)
मदर – सरिता शर्मा
ऑल इंडिया रैंक – 62
जबलपुर के रहने वाले तनय शर्मा ने ऑल इंडिया रैंक 62हासिल की है। तनय पिछले दो साल से इंदौर में रह कर पढ़ाई कर रहे थे। हर दिन कम से कम 7 से 8 घंटे की पढ़ाई ने उन्हे यह सफलता दिलाई है। आइआइटी दिल्ली या मुंबई से कम्प्यूटर साइंस में डिग्री लेना चाहते है। मैंस रेंक ऑल इंडिया रैंक 32 हासिल की थी।