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इंदौर

दिग्विजय बोले- मैंने एक्स पीएम मनमोहन सिंह की बात सच होते देखी

दिग्विजय सिंह का कहना है कि पूर्व प्रधानमंत्री और वित्तीय मामलों के बेहद जानकार मनमोहन सिंह नोट बैन को इकॉनामिक ब्लडंर कहते थे आज मैंने उनकी बात को सच होते देख लिया।

इंदौरNov 24, 2016 / 05:19 pm

Shruti Agrawal

digvijay singh speaks on note ban

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इंदौर। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव ने नोट बंदी को लेकर मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया। दिग्विजय सिंह का कहना है कि पूर्व प्रधानमंत्री और वित्तीय मामलों के जानकार मनमोहन सिंह नोट बैन को इकॉनामिक ब्लडंर कहते थे आज मैंने उनकी बात को सच होते देख लिया।

यह इकॉनामिक ब्लंडर ही तो हैं कि पूरे देश की करेंसी का 86 प्रतिशत भाग 500 और 1000 के नोटों में था। आपने वह बंद कर दिया अब पूरा देश 14 प्रतिशत करेंसी की करेंसी के बीच कराहता नजर आ रहा है। हर आम व्यक्ति लंबी कतारों में नजर आ रहा है वहीं खास लोग आलीशान वातानुकूलित कमरों में आराम फरमा रहे हैं।

digvijay singh speaks on note ban

हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 500-100 के नोट बैन करने से देश में चार समस्याओं पर लगाम लगेगी। भष्ट्राचार, फर्जी करेंसी, आतंकवाद और काला धन। प्रधानमंत्री ने बड़े बोल बोलते हुए कहा था की इस कड़वी दवाई से पूरे देश में फैल रहा दीमक मर जाएगा। वो पचास दिन मांग रहे हैं हम 100 दे देंगे यदि इन चार समस्याओं पर लगाम लगे तो। 

अब बात रही भष्ट्राचार की तो हम सब जानते हैं कि नोट बैन को दो दिन ही नहीं हुए थे कि भोपाल में एक बाबू रिश्वत लेते पकड़ा गया । वो भी दो हजार के नए नोट के साथ। फर्जी करेंसी का क्या है वह तो 2 हजार के नोट की भी मार्केट में आ गई है। बड़े आतंकवादी संगठन बिड क्वाइन जैसी डिजिटल मनी यूज करते हैं उनके लिए 500-1000 के नोट मायने नहीं रखते और काला धन की तो बात करना ही ख्याली पुलाव हैं। ना तो स्विज बैंक से कालाधन वापस आया ना ही नोट बैन से कुछ हो सकता है। ग्रे कॉलर के लोग प्रापर्टी से लेकर बिजनेस तक अलग-अलग तरीके से काला धन रखते हैं। उन तक पहुंच मोदी सरकार के बस के बाहर है। नोट बैन आज तक किसी भी देश में सक्सेसफुल नहीं हुआ है।

नोट बैन के बाद देश में लोग परेशान हैं। हर जगह लंबी कतारे नजर आ रही हैं। एक तेजी से भागते राष्ट्र की रफ्तार पर लगान लगा दी गई है। यह गवर्नेंस की बहुत बड़ी असफलता है। बस इसलिए ही आम व्यक्ति कह रहा है कि कांग्रेस को विरोध करते नहीं आता भाजपा को देश चलाते नहीं आता। 
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