आंकड़ों की बात करें तो इंदौर में दलित उत्पीड़न की घटनाएं भी बढ़ी हैं। 2020 में इंदौर जिले में 90 मामले उत्पीड़न के दर्ज हुए थे, जबकि 2021 में अबतक 115 केस रजिस्टर हुए हैं।
कुछ घटनाएं
दलित की रोकी बारात, मंदिर में भी नहीं घुसने दिया ः जुलाई 2021 में मानपुर थाना क्षेत्र के चैनपूरा गांव में दलित की बारात निकल रही थी। बाराती उत्साह के साथ नाचते-गाते ओमप्रकाश को ब्याहने जा रहे थे। तभी बारात को क्षेत्र के दंबंगों ने घेर लिया। बारात के आगे गाडि़यां खड़ी करते हुए आगे जाने से मना कर दिया। मुक्तिधाम को लेकर भी यहां विवाद की स्थिति रहती है।
शवयात्रा अलग-अलग रास्ते से निकलती ः दौलताबाद में भी कुछ ऐसी ही स्थिति है। यहां दलित शवयात्रा अलग रास्ते से निकालते हैं। अक्सर विवाद की सूचनाएं भी आती रहती हैं।
भारतीय संविधान ने सभी नागरिकों को समानता का अधिकार प्रदान किया है। वरिष्ठ अधिवक्ता विनय सराफ कहते हैं कि अनुच्छेद 14 में सभी को समानता का अधिकार दिया गया है। हम किसी से उसकी जाति, धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं कर सकते।