इंदौर ट्रक ऑपरेटर्स एंड ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने 17 अक्टूबर को एक पत्र मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान को लिखा है। जिसमें उन्होंने बताया कि डीजल के लागातार बढ़ रहे दामों के कारण कमर्शियल वाहन मालिकों की आर्थिक स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। क्योंकि पहले ही वाहन मालिक कोरोना के कारण परेशान हो चुके हैं। दिन ब दिन व्यापार में हो रहे घाटे के कारण वाहन मालिक कर्ज के बोझ में डूबता जा रहा है। चूंकि ट्रांसपोर्ट व्यवसाय में सबसे बड़ा खर्च डीजल का होता है, जो भाड़े का करीब 70 से 75 प्रतिशत होता है। इसी के साथ टोल खर्च, मेंटेनेंस एवं टैक्स का खर्च अलग से होता है, अगर सभी खर्च जोड़ दें तो वाहन मालिक के पास कुछ नहीं बचता है। लेकिन फिर भी देश व प्रदेश में परिवहन की सेवा कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि भाड़े मांग व आपूर्ति पर चलते हैं। बाजार में मांग नहीं है, माल उपलब्ध नहीं है, जो थोड़ा बहुत ट्रांसपोर्ट व्यापार है उसमें भी रेलवे से प्रतिस्पर्धा में माल परिवहन करना पड़ता है। जिसके कारण बचत नहीं हो पाती है, इसी के साथ बाजार में भाड़ा भी नहीं बढ़ता है, ऐसे में ट्रांसपोर्ट व्यापार घाटे का व्यवसाय होता जा रहा है। ऐसे में वाहन मालिकों को ट्रांसपोर्ट व्यापार को छोड़कर भागना पड़ेगा या आत्महत्या करने लगेगा।