‘इस तरह पोल को कर सकते हैं सुरक्षित’
इंजीनियर अतुल सेठ ने बताया, दो आरसीसी डिवाइडर के बीच आने वाले पोल को सुरक्षित रखने के लिए छोटा उपाय कर सकते है। पोल के आसपास की सभी मिट्टी को बाहर निकाला जाए। क्यारी की मिट्टी और पानी पोल के संपर्क में न आए इसलिए दो रिटेनिंग वॉल उसके आसपास बनाई जाई। उसके नीचे व्हीप हॉल बनाया जाए। ताकि उक्त चैंबर में यदि पानी आ भी जाए तो वह तत्काल बाहर निकल जाए। इस तरह शहरभर के बिजली पोल को सुरखित रखा जा सकता है।
इंजीनियर अतुल सेठ ने बताया, दो आरसीसी डिवाइडर के बीच आने वाले पोल को सुरक्षित रखने के लिए छोटा उपाय कर सकते है। पोल के आसपास की सभी मिट्टी को बाहर निकाला जाए। क्यारी की मिट्टी और पानी पोल के संपर्क में न आए इसलिए दो रिटेनिंग वॉल उसके आसपास बनाई जाई। उसके नीचे व्हीप हॉल बनाया जाए। ताकि उक्त चैंबर में यदि पानी आ भी जाए तो वह तत्काल बाहर निकल जाए। इस तरह शहरभर के बिजली पोल को सुरखित रखा जा सकता है।
तीन बार कर चुके पत्र व्यवहार
सेंट्रल लाइट पोल पूर्व के है। ये डिवाइडर बाद में बने हैं। पोल की सुरक्षा के लिए सिटी इंजीनियर उद्यान को लेटर भेजा है। इसमें बताया गया है कि पोल के दोनों तरफ वॉल बनाकर उक्त स्थान को खाली रखा जाए। वहीं, पानी निकलने के लिए नीचे हॉल बनाया जाए। यह काम दो तीन रोड पर हो चुका है। जब डिवाइडर बन रहे थे, तब पोल की सुरक्षा को लेकर यह बात बताई गई थी। लेकिन डिवाइडर बनाने वालों के एस्टीमेट में यह कार्य शामिल नहीं था। छह माह में इस संबंध में तीन बार पत्र व्यवहार कर चुके है।
- राकेश अखंड, कार्यपालन यंत्री विद्युत, विभाग नगर निगम
सेंट्रल लाइट पोल पूर्व के है। ये डिवाइडर बाद में बने हैं। पोल की सुरक्षा के लिए सिटी इंजीनियर उद्यान को लेटर भेजा है। इसमें बताया गया है कि पोल के दोनों तरफ वॉल बनाकर उक्त स्थान को खाली रखा जाए। वहीं, पानी निकलने के लिए नीचे हॉल बनाया जाए। यह काम दो तीन रोड पर हो चुका है। जब डिवाइडर बन रहे थे, तब पोल की सुरक्षा को लेकर यह बात बताई गई थी। लेकिन डिवाइडर बनाने वालों के एस्टीमेट में यह कार्य शामिल नहीं था। छह माह में इस संबंध में तीन बार पत्र व्यवहार कर चुके है।
- राकेश अखंड, कार्यपालन यंत्री विद्युत, विभाग नगर निगम