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गुणवत्ता सुधारने के लिए संभाग के कॉलेजों ने विभाग से मांगे 300 करोड़ रुपए

locationइंदौरPublished: Jul 24, 2019 01:58:01 pm

डीएवीवी के आठ विभागों के 41 करोड़ के प्रस्ताव भी हुए मंजूर

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गुणवत्ता सुधारने के लिए संभाग के कॉलेजों ने विभाग से मांगे 300 करोड़ रुपए

इंदौर . सरकारी कॉलेजों और यूनिवर्सिटी की कमियां पूरी कर शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाने के लिए एक्सीलेंस सेंटर बनाए जा रहे हैं। संभाग के सरकारी कॉलेजों ने विभाग को 300 करोड़ रुपए के प्रस्ताव बनाकर भेजे हैं। फिलहाल उच्च शिक्षा विभाग देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी के आठ विभागों के लिए करीब 41 करोड़ रुपए के प्रस्ताव को मंजूरी दे चुका है।
इस राशि का इस्तेमाल इंफ्रास्ट्रक्चर, रिसर्च, स्टडी टूर आदि में किया जाएगा। मप्र हायर एजुेकशन क्वालिटी इम्प्रूवमेंट प्रोजेक्ट के तहत वल्र्ड बैंक प्रदेश में सेंटर फॉर एक्सीलेंस के लिए 1 हजार करोड़ रुपए लगाएगा। इसके लिए उच्च शिक्षा विभाग ने सभी सरकारी कॉलेज और यूनिवर्सिटी से प्रस्ताव बुलाए थे। इंदौर संभाग के 33 कॉलेजों ने ही करीब 300 करोड़ रुपए के प्रस्ताव बनाकर भेजे हैं।
इनमें होलकर साइंस कॉलेज के 20 करोड़, ओल्ड जीडीसी के 17 करोड़, न्यू जीडीसी के 18 करोड़, जीएसीसी के 19 करोड़, राऊ गवर्नमेंट कॉलेज के 20 करोड़, भेरुलाल पाटीदार कॉलेज महू के 13 करोड़ और गवर्नमेंट लॉ कॉलेज के 5 करोड़ के प्रस्ताव शामिल है। उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी का कहना है कि इंदौर में कई शहरों के विद्यार्थी आकर पढ़ाई कर रहे हैं, इसलिए इंदौर न सिर्फ प्रदेश बल्कि देश का एजुकेशन हब है। कॉलेजों में शिक्षा की गुणवत्ता के साथ इंफ्रास्ट्रक्चर सुधारने में कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। जल्द ही कॉलेजों के प्रोजेक्ट मंजूर होंगे।
डेटा साइंस को मिलेंगे सवा सात करोड़

डीएवीवी में सेंटर फॉर एक्सीलेंस के लिए आठ विभागों ने दावेदारी पेश की थी। इसके लिए कई और यूनिवर्सिटी के विभागों से मुकाबला था। सभी आठ विभागों के लिए राशि मंजूर हुई है। सबसे ज्यादा सवा सात करोड़ रुपए स्कूल ऑफ डेटा साइंस एंड फोर कास्टिंग को मिले। ईएमआरसी को 4.36 करोड़, स्कूल ऑफ एजुकेशन को 3.24 करोड़, स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स को 3.34 करोड़, स्कूल ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स को 5.62 करोड़, स्कूल ऑफ कम्प्यूटर साइंस को 4.02 करोड़, स्कूल ऑफ बायोटेक्नोलॉजी को 7.64 करोड़ व आईएमएस को 5.41 करोड़ मिलेंगे।

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