DOCTOR'S DAY : अपने जीवन और पेशे में रचनात्मकता के साथ ऐसे निखार ला रहे शहर के ये डॉक्टर्स
डॉक्टर्स डे आज : म्यूजिक, पेंटिंग, फोटोग्राफी, गीत गाने तो किसी को शतरंज खेलने और किताबें पढऩे का है शौक

इंदौर. हमने अकसर डॉक्टर्स को व्हाइट एप्रिन, गले में स्टेथोस्कोप और सर्जिकल सीजर जैसे इक्यूपमेंट्स के साथ ही देखा है। अगर डॉक्टर्स को हाथों में माइक लिए स्टेज पर मधुर धुनें गुनगुनाते हुए सुनें और कैनवास पर जीवन के विविध रंगों को सुंदर रूप देते हुए देखें तो ये हमारे लिए आश्चर्य ही होगा, लेकिन शहर में कई ऐसे डॉक्टर्स हैं जो रचनात्मकता के जरिए अपने प्रोफेशन में निखार ला रहे हैं। डॉक्टर्स डे के अवसर पर हम आपको बता रहे हैं ऐसे ही कुछ डॉक्टर्स के बारे में जिनके जीवन में कला का भी अमूल्य स्थान है।
तनाव में राहत की तरह है फोटोग्राफी
फिजिशियन डॉ. संजय गुजराती (54) बताते हैं, मुझे हमेशा से ही घूमना-फिरना बहुत पसंद है। ट्रैवलिंग के शौक से ही फोटोग्राफी की हॉबी डवलप हुई। मैं करीब 10 साल से फोटोग्राफी कर रहा हूं और हजारों तस्वीरें खींच चुका हूं। मैं ज्यादातर वाइल्ड लाइफ, पोट्रेट और नेचर की तस्वीरें क्लिक करता हूं। अभी तक चार एग्जीबिशन भी लगा चुका हूं। ये मुझे अपने व्यस्तम और तनाव भरे प्रोफेशन में सुकून देने का काम करती है। मेरे लिए फोटोग्राफी की हॉबी एक रिलेक्स थैरेपी की तरह काम करती है।
बचपन से ही रहा कला से जुड़ाव

गायनोकोलॉजिस्ट डॉ. ज्योति करंडे (48) एक नहीं दो विधाओं में माहिर हैं। वे एक बेहतरीन कथक डांसर हैं, तो एक अच्छी रंगोली आर्टिस्ट भी। वे बताती हैं, चौथी क्लास से ही कथक सीखना शुरू कर दिया था। खेरागढ़ यूनिवर्सिटी से कथक में एमए भी किया है। शहर में संस्कार भारती से जुड़ी हूं और द्वारका समिति की नाट्य विद्या में प्रमुख भी हूं। जब ७वीं क्लास में थी, तब दीपावली के अवसर पर रंगोली बनाना शुरू किया। उस वक्त महसूस हुआ कि इसमें काफी रचनात्मक काम किया जा सकता है। मुझे कई बड़े कार्यक्रमों में रंगोली बनाने के लिए आमंत्रित भी किया जाता है।
छठी क्लास से म्यूजिक से रिश्ता जुड़ा

डॉ. अमिताभ गोयल (57) एक बेहतर सर्जन होने के साथ ही कई सारी विधाओं में माहिर हैं। उन्हें तबला और ड्रम बजाने में महारत हासिल है, तो गार्डनिंग और कॉइन कलेक्शन जैसी कई सारी हॉबी भी हैं। वे बताते हैं छठी क्लास से म्यूजिक से रिश्ता जुड़ा। तबला बजाना सीखा और संगीत विशारद में ग्रेजुएशन भी किया। साल 2011-12 में ड्रम बजाना शुरू किया औ ब्ल्यू ग्रास नाम से एक बैंड भी बनाया। वे अब तक तीन स्टेज परफॉर्मेंस दे चुके हैं। गार्डनिंग भी मेरी हॉबी है। अपने घर में मैंने 1500 गमले लगा रखे हैं। अपने पेशेंट को भी पौधे गिफ्ट करता हूं। बेंगलूरु में हुए मास्टर एथलीट में हेमर थ्रो और शॉट पुट भी खेल चुका हूं।
म्यूजिक देता है एनर्जी

आई स्पेशलिस्ट डॉ. अनुराग श्रीवास्तव (58) बताते हैं, पिछले 25 साल से मैं सिंगिंग से जुड़ा हुआ हूं। सिंगिंग कहीं से सीखी नहीं है, लेकिन मेरे पिता काफी अच्छे सिंगर थे, तो परिवार में इसका प्रोत्साहन मिलता रहा। मैं अब तक 150 से ज्यादा प्रस्तुतियां दे चुका हूं। मुकेश और हेमंत कुमार मेरे पसंदीदा गायक हैं। उन्हीं के गानों पर प्रस्तुति देता हूं। म्यूजिक मेरे जीवन और प्रोफेशन दोनों में मददगार हैं। इससे मुझे राहत भी मिलती है और एनर्जी भी। इसके अलावा स्पोट्र्स में बैडमिंटन और क्रिकेट पसंद है। हर दिन सायाजी क्लब में एक घंटे बैडमिंटन खेलता हूं और जब भी फ्री रहता हूं तो कुकिंग भी करता हूं।
किताबें पढऩा और लेखन है हॉबी

कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. भरत रावत बताते हैं, मेरी तीन हॉबी हैं। पहला लोगों को हैपी और हेल्दी लाइफ स्टाइल के प्रति जागरूक करना। दूसरा रनिंग और एक्सरसाइज करना। मैं हर दिन १० किमी रनिंग करता हूं और दो घंटे एक्सरसाइज करता हूं। मेरी तीसरी हॉबी है किताबें पढऩा और लिखना। बचपन से ही पिताजी ने किताबों से जुड़ाव बनाया जो आज तक कायम है। मैं लोगों से उपहार में भी सिर्फ किताबें ही भेंट करने को कहता हूं। अभी तक १०० से अधिक किताबें पढ़ चुका हूं और दो किताबें लिखी भी हैं।
शतरंज सिखाता है एकाग्रता

होम्योपैथिक डॉक्टर एके द्विवेदी बताते है, 11वीं क्लास से ही मुझे चेस खेलना पसंद है। चेस में आपको चार चाल आगे का सोचना पड़ता है। इस वजह इससे एकाग्रता बढ़ती है, जो मेडिकल प्रोफेशन में भी बहुत जरूरी है। इसके अलावा मुझे म्यूजिक सुनना काफी पसंद है। ये हमेशा मेरी लाइफ में एक थैरेपी की तरह काम करता है।
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