बच्ची के माता-पिता बहुत से डॉक्टरों के पास ले कर गए, सरकारी अस्पताल में भी दिखाया। डॉक्टर्स ने ऑपरेशन के लिए कहा। परिजनों ने सरकारी योजनाओं में कोशिश की लेकिन बात नहीं बनी, क्योंकि खर्च बहुत अधिक था। हाल ही परिजनों ने बच्ची को डॉक्टर ममतासिंह को दिखाया। उन्होंने बताया, बच्ची के उपरी और निचले जबड़े की हड्डी आपस में जुड़ गई थी। जिससे उसका मुंह बंद हो गया था। मुंह की यह बीमारी बहुत मरीज के जीवन के लिए खतरा बन जाती है। इसके इलाज में बहुत अधिक खर्च आता है।
डॉक्टर्स ने मिलकर उठाया खर्च
इस पर कॉलेज के डॉक्टर्स ने मिल कर उसके इलाज खर्च का बीड़ा उठाया। डॉक्टर सिंह और निकित अग्रवाल ने उसका ऑपरेशन किया। इसमें डॉ मजूमदार, डॉक्टर प्रणव और डॉक्टर राहुल छजलानी ने भी सहयोग किया। डॉक्टर ममतासिंह ने बताया ऑपरेशन के बाद बच्ची का मुंह 35 मिलीमीटर खुल गया है। अब वह आसानी से खाना खा पाएगी और सामान्य जीवन जी पाएगी।
इस पर कॉलेज के डॉक्टर्स ने मिल कर उसके इलाज खर्च का बीड़ा उठाया। डॉक्टर सिंह और निकित अग्रवाल ने उसका ऑपरेशन किया। इसमें डॉ मजूमदार, डॉक्टर प्रणव और डॉक्टर राहुल छजलानी ने भी सहयोग किया। डॉक्टर ममतासिंह ने बताया ऑपरेशन के बाद बच्ची का मुंह 35 मिलीमीटर खुल गया है। अब वह आसानी से खाना खा पाएगी और सामान्य जीवन जी पाएगी।
शहर में चिकनगुनिया, स्वाइन फ्लू, वायरल और डेंगू सहित कई बीमारियों के चलते कई लोगों की जान गईं। इस मुद्दे पर हाई कोर्ट में दायर जनहित याचिका पर मंगलवार को सुनवाई हुई। मामले में केंद्र-राज्य सरकार सहित किसी भी पक्ष ने जवाब नहीं दिया। कोर्ट ने तीन हफ्ते बाद अगली सुनवाई के आदेश दिए है। जस्टिस पीके जायसवाल और वीरेंद्र सिंह की बेंच ने इस मामले में केंद्र और राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिवों के अलावा कलेक्टर व निगमायुक्त को भी नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।