scriptकाश मैंने चश्मा पहना होता तो सलाखों के पीछे होता बदमाश !!! | doctors niece has been victimised of murder trial in indore | Patrika News

काश मैंने चश्मा पहना होता तो सलाखों के पीछे होता बदमाश !!!

locationइंदौरPublished: Jan 16, 2018 10:20:41 am

हॉस्पिटल के कैमरा फुटेज में मिला संदिग्ध गैस चूल्हा सुधारने वाला,पुलिस को कर्मचारी ने दी जानकारी

murder trial indore
इंदौर. साजन नगर निवासी डॉक्टर की भतीजी का गला रेत कर भागे बदमाश की तलाश में पुलिस को सीसीटीवी फुटेज में एक संदिग्ध मिला है। पता चला है की वारदात के कुछ घंटे पूर्व संदिग्ध गैस चूल्हा सुधारने के बहाने वहां पहुंचा था। अस्पताल कर्मचारियों ने उस पर शक जताया है। वहीं पुलिस ने घायल युवती के बयान लिए हैं।
नेमावर रोड स्थित मीनेश हॉस्पिटल के दूसरे माले पर डॉ. रवि वर्मा के घर में शनिवार देर रात लूट की नीयत से घुसे बदमाश ने उनकी भतीजी राजश्री के गले को धारदार हथियार से ५ बार रेत दिया था।
फिलहाल उनका हॉस्पिटल में इलाज जारी है। मामले की जांच में जुटी संयोगितागंज पुलिस ने मीनेश हॉस्पिटल में लगे ७ सीसीटीवी कैमरे के फुटेज जांच में शामिल किए हैं। सूत्रों की माने तो पुलिस को प्रथम मंजिल स्थित हॉस्पिटल के दफ्तर में बैठने वाले कर्मचारी से पता चला कि वारदात के कुछ घंटे पूर्व यानि शनिवार शाम करीब ५.३० पर एक व्यक्ति वहां पहुंचा था, जिसने बताया था कि उसे हॉस्पिटल से किसी ने फोन कर गैस चूल्हा रिपेयरिंग के लिए बुलाया है। कर्मचारी ने उससे हॉस्पिटल मालिक से पूछकर आने की बात कही और ओटी तरफ डॉक्टर से बात करने गया। कर्मचारी ओटी से जब लौटा तो गैस चूल्हा रिपेयर करने वाला वहां से गायब मिला।
उसे संदेह हुआ कि कहीं वह हॉस्पिटल के दूसरे माले स्थित डॉ. वर्मा के घर तो नहीं चला गया। कर्मचारी वहां जाने लगा तो संबंधित व्यक्ति लोहे की सीढि़यों के समीप खड़ा मिला। कर्मचारी ने पूछा, तुम यहां क्या कर रहे हो तो घबरा गया। उसने अपना नाम शुभम शर्मा बताया था। वह १० मिनट हॉस्पिटल परिसर में रहा। पुलिस को उसकी अभी कोई ठोस जानकारी नहीं मिली है। कर्मचारी को उस पर रैकी का शक है।
चश्मा नहीं पहना, हमलावर को नहीं पहचान सकीं
(घायल राजश्री का बयान)
जांच अधिकारी ओएस भदौरिया नेे अस्पताल में भर्ती घायल राजश्री के बयान लिए। राजश्री ने बताया, वे उक्त पते पर १९९९ से रहती हैं। पिता मानसिंह अखेपुर में खेती का कार्य करते हैं। वे हॉस्पिटल में अकाउंट देखती हैं। उन्हें मिलाकर परिवार में पांच भाई-बहन हैं। उनके चाचा का मीनेश व एनर्जी हॉस्पिटल है। घटना वाले दिन वह दादी के साथ घर के आगे वाले कमरे में सो रही थीं, तभी किसी ने दरवाजा खटखटाया। मुझे लगा, चाचा आए है।
जैसे ही दरवाजा खोला, मुंह पर काला मास्क पहने करीब ५ फीट ७ इंच हाइट का एक लडक़ा कमरे में तेजी से घुसा दातेदार चाकू से वार कर दिया। मैंने बदमाश को धक्का देते हुए उससे पूछा, तू कौन है। इस पर उसने फिर से वार किया। बचाव में उनकी दोनों हाथों के अंगूठे के पास वाली उंगली पर चोट आई है। फिर हमलावर ने उन्हें धक्का देकर पलंग पर पेट के बल पटक दिया और पीठ पर बैठ गया। उसने एक हाथ से मेरी नाक और मुंह बंद कर दिया और दूसरे हाथ से चाकू से गर्दन पर कई वार किए। मैंने उसे धकेलने की बहुत कोशिश की, वह नहीं हटा। फिर मैने पास में सो रही दादी को लात मारकर जगाया। दादी ने जब बदमाश का विरोध किया, तो वह भाग गया।
मुझे ऐसा लगा कि दरवाजे के बाहर एक बदमाश और खड़ा था। घायल हालत में उठकर मैंने दरवाजा अंदर से बंद कर दिया। फिर अपने घाव पर हाथ रखा और डायनिंग हॉल स्थित फोन तक पहुंची और मीनेश हॉस्पिटल के काउंटर पर बैठे जय को फोन पर घटना बताई। जय ने ऊपर आकर लातें मारी तो, कुंदी खोली। इससे उनकी चाची भी जाग गईं। वे मुझे उपचार के लिए एनर्जी हॉस्पिटल ले गए। राजश्री ने कहा, वे चश्मा नहीं पहने थीं, इसलिए हमलावर को पहचान नहीं सकीं।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो