डॉ. अमित अग्रवाल ने जांच के बाद उसे भर्ती किया। जांच में पता चला कि पेट में बड़ी गठान है। केस सर्जरी विभाग के डॉ. अरविंद घनघोरिया को ट्रांसफर किया। डॉ. घनघोरिया ने बताया, सर्जरी विभाग के डॉ. आरिफ, डॉ. हितेश्वरी, एनेस्थीसिया विभाग के डॉ. मनीष वाघमारे की टीम ने सर्जरी कर करीब दो किलो वजनी बालों का गुच्छा निकाला। किशोरी डेढ़ साल पहले पिता की मौत के बाद अवसाद में चली गई थी। धीरे-धीरे वह ट्राइकोबिजोर नामक मानसिक बीमारी का शिकार हो गई। इसमें मरीज स्वयं के बाल खाने लगता है। बाल अमाशय में जमा होते हुए बड़ी गठान का रूप ले लेते हैं। मरीज को पेट संबंधी समस्या के साथ वजन कम होने के साथ जहरीले तत्व शरीर में जमा होने लगते हैं, इससे जान तक जा सकती है। ऑपरेशन के बाद किशोरी पूरी तरह स्वस्थ्य है। मनोरोग विशेषज्ञ की मदद से उसकी काउंसलिंग कर मानसिक विकार से उबारने के भी प्रयास किए जा रहे हैं।