सात साल में श्वानों की नसबंदी पर 21 करोड़ खर्च, फिर भी बढ़ रही संख्या
पूर्व नेता प्रतिपक्ष फौजिया शेख अलीम ने हाई कोर्ट में दायर की जनहित याचिका

इंदौर. शहर में आवारा श्वानों की संख्या पर नियंत्रण करने के लिए पिछले सात साल में 21 करोड़ रुपए खर्च कर दिए हैं, लेकिन श्वानों की संख्या कम होने के बजाए और बढ़ रही है। लगातार बढ़ते आवारा कुत्तों की संख्या और हर दिन दर्जनों लोगों को उनके द्वारा शिकार बनाए जाने को लेकर हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है।
नगर निगम की पूर्व नेता प्रतिपक्ष फौजिया शेख अलीम द्वारा दायर की गई याचिका में मांग की गई है कि आवारा श्वानों की नसबंदी के लिए जो व्यवस्था निगम द्वारा की गई है, उसे पुख्ता की जाए और श्वानों के लिए शहर में खुले स्थान पर शेल्टर होम्स (डॉक हाउस) बनाए जाए। उनका कहना है पिछले चार साल से शहर सफाई के मामले में नंबर वन आ रहे है। जिस तरह आवारा गायों को हटाने के लिए सरकार ने गोशालाएं बनाई हैं, वैसे ही आवारा कुत्तों के लिए भी व्यवस्था हो। सफाई के चलते आवारा कुत्तों को खाने को नहीं मिल रहा है और वे उग्र हो रहे हैं और राह चलते लोगों को काट रहे हैं। इसलिए उनके लिए डॉग हाउस बनाए और उनके रहने और खाने-पीने की व्यवस्था की जाए। एडवोकेट शेख अलीम के माध्यम से दायर की गई याचिका में मांग की गई है हाई कोर्ट के निर्देश पर एक डॉग लवर्स की एक कमेटी बनाए, जो इसी पूरी व्यवस्था की निगरानी करे ताकि श्वानों की संख्या में उचित तरीके से नियंत्रण किया जा सके।
प्रतिदिन 90 से 100 नसबंदी का दावा
अलीम ने बताया नगर निगम शहर में आवारा श्वानों की संख्या पर नियंत्रण करने के लिए पिछले सात साल में 21 करोड़ रुपए खर्च कर दिए हैं, लेकिन श्वानों की संख्या कम होने के बजाए और बढ़ रही है। शहर में दो स्थानों पर नगर निगम ने प्राइवेट एजेंसी को श्वानों की नसबंदी की जिम्मेदारी दी है। छावनी और ट्रेंचिंग ग्राउंड स्थित सेंटर पर प्रतिदिन 90 से 100 श्वानों की नसबंदी करने का दावा किया जा रहा है। एक श्वान की नसबंदी पर ९२५ रुपए का भुगतान संस्था को किया जा रहा है। आरटीआइ से मिली जानकारी के अनुसार पिछले सात साल में करीब 21 करोड़ का भुगतान हो चुका है, लेकिन श्वानों की संख्या में कोई कमी नहीं हो रही है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि दोनों ही संस्थाएं अपनी जिम्मेदारी सही तरीके से नहीं निभा रही है।
डॉग हाउस में छोड़ें श्वानों को
याचिका में मांग की गई है कि जिस तरह सफाई के लिए शहर से गाय एवं अन्य पशुओं को बाहर कर उन्हें गोशालाओं में शिफ्ट किया है, वैसे ही शहर के बाहर सरकारी जमीनों पर डॉग हाउस बनाकर आवारा श्वानों को नसबंदी कर वहां रखा जाए। इससे शहर के लोगों को राहत मिलेगी। अलीम ने बताया औसतन एक दिन में १०० लोगों को आवारा कुत्ते अपना निशाना बना रहे हैं।
नार्थ तोड़ा में आतंक, एक ही दिन में दो लोगों को बनाया शिकार
नार्थ तोड़ा में आवारा श्वानों से रहवासी परेशान हैं। यहां पर रहने वाले ४२ साल के राजू खरे और ४ वर्षीय जयस वर्मा पर हमला कर काट लिया। सामाजिक कार्यकर्ता गणपत यादव के मुताबिक श्वानों ने राजू पर हमला किया ल_ की मदद से बचाना पडा। वहीं जयस की रहवासियों ने जान बचाई। अब तक क्षेत्र के ५ लोगों पर श्वान हमला कर चुके हैं। हालांकि निगम के अधिकारी डॉ. उत्तम यादव के मुताबिक नियम है कि आवारा श्वानों को पकडऩे के बाद नसबंदी कर उन्हें जहां से पकड़ा गया था, वहीं छोडऩा है। इसके चलते ही श्वानों को दोबारा वहीं पर छोड़ा गया है।
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