धमकी देने वाले स्कूलों पर भड़के लोग
गुरूवार को पालक संघ ने डीआईजी आॅफिस का घेराव किया और बसें बंद करने वाले स्कूलों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। पालक संघ के साथ पहुंचे लोगों ने डीआईजी हरिनारायणचारी मिश्र से कहा कि धमकी देने वाले स्कूलों के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज होना चाहिए। इस मौके पर उन्होंने पुलिस द्वारा सहयोग न मिलने की बात भी उठाई और कहा कि प्रशासन सोनार को बचाने में लगा है
गुरूवार को पालक संघ ने डीआईजी आॅफिस का घेराव किया और बसें बंद करने वाले स्कूलों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। पालक संघ के साथ पहुंचे लोगों ने डीआईजी हरिनारायणचारी मिश्र से कहा कि धमकी देने वाले स्कूलों के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज होना चाहिए। इस मौके पर उन्होंने पुलिस द्वारा सहयोग न मिलने की बात भी उठाई और कहा कि प्रशासन सोनार को बचाने में लगा है
सोनार का दूसरा दिन भी जेल में बेचैनी में गुजरा
डीपीएस प्रिंसिपल सुदर्शन सोनार का जेल में दूसरा दिन भी बेचैनी में गुजरा। महाशिवरात्रि की छुट्टी के चलते जेल पर न तो किसी से मुलाकात हुई न उनका मेडिकल टेस्ट हो सका। टेस्ट के बाद उनका बैरक भी बदल सकता है।
सोनार दूसरे दिन मंगलवार को गुमसुम बैठे रहे। पत्नी से मुलाकात हुई तो थोड़ा सामान्य रहे। बुधवार को महाशिवरात्रि की छुट्टी के चलते कोई उनसे नहीं मिल सका। बताते हैं, बुधवार को सोनार का मेडिकल टेस्ट भी होने वाला था। इसके जरिए उनकी बीमारी पता की जाना है। जेल में आने के बाद से वे डिप्रेशन में हैं।
डीपीएस प्रिंसिपल सुदर्शन सोनार का जेल में दूसरा दिन भी बेचैनी में गुजरा। महाशिवरात्रि की छुट्टी के चलते जेल पर न तो किसी से मुलाकात हुई न उनका मेडिकल टेस्ट हो सका। टेस्ट के बाद उनका बैरक भी बदल सकता है।
सोनार दूसरे दिन मंगलवार को गुमसुम बैठे रहे। पत्नी से मुलाकात हुई तो थोड़ा सामान्य रहे। बुधवार को महाशिवरात्रि की छुट्टी के चलते कोई उनसे नहीं मिल सका। बताते हैं, बुधवार को सोनार का मेडिकल टेस्ट भी होने वाला था। इसके जरिए उनकी बीमारी पता की जाना है। जेल में आने के बाद से वे डिप्रेशन में हैं।
इसके चलते बैरक बदलकर उन्हें निगरानी में रखा जाना है। मेडिकल टीम के सीओ भी उन पर निगरानी रखेंगे। बताते हैं, मंगलवार रात उन्हें दाल-रोटी, जबकि बुधवार सुबह दलिया दिया गया। मंगलवार को मिलने पत्नी व भाई ने कुछ कपड़े उन्हें दिए। फिलहाल कोर्ट ने आगामी तारीख पर सुनवाई तक सोनार को जेल में रहने के निर्देश दिए हैं। उन्हें बैरक नंबर एक में रखा गया है।