युवा चित्रकारों की स्वप्निल दुनिया
इंटरनेशनल फाइन आर्ट अकेडमी के स्टूडेंट्स की आर्ट एग्जीबिशन
युवा चित्रकारों की स्वप्निल दुनिया
इंदौर. पोट्रेट्स, ड्रॉइंग्स, लैंडस्केप्स, मिनिएचर्स से लेकर इंस्टॉलेशन युवा कलाकारों ने अपनी कल्पना और प्रतिभा से दर्शकों को प्रभावित किया। यह जिक्र है इंटरनेशनल फाइन आर्ट अकेडमी के स्टूडेंट्स की वार्षिक कला प्रदर्शनी का। प्रीतमलाल दुआ सभागृह में यह तीन दिवसीय एग्जीबिशन शनिवार से शुरू हुई। एग्जीबिशन में सबसे पहले अंजलि संकत का इंस्टालेशन ध्यान खींचता है। इसमें उन्होंने लकड़ी का पुराना दरवाजा दो तरह से दिखाया है। इसे उन्होंने एक युवा लडक़ी के सपनों से रिलेट किया है। एक तरफ दरवाजा ग्रे शेड में है, जिसमें लडक़ी अपने सपनों को पूरा करना चाहती है पर उसे खुला आसमान नहीं मिल रहा। उसी दरवाजे के दूसरी ओर ब्राइट कलर्स हैं। दरवाजे से झांकता आसमान है यानी लडक़ी को सपनों को पूरा करने के लिए अनुकूल स्थितियां मिल गई हैं।
पेंटिंग्स में निष्ठा जैन, सारिका करोड़ीवाल, शालिनी गुप्ता, सुमिता जोशी और निशा ममाया ने ग्रामीण जन-जीवन को रीयलिस्टिक शैली में रचा है। निशा ने खेत में हल चलाते और आलू बोते किसान दिखाए हैं। अक्षय सांखला ने चार पेंटिंग्स बनाई हैं, जिनमें उन्होंने पूरे कैनवास को ब्राइट कलर्स से पैंट करने के बाद कोने में छोटी-छोटी आकृतियां बनाई हैं, जिनमें साइकिल, सिलाई मशीन, कुर्सी आदि हैं। अक्षय कहते हैं कि यह सब उनकी बचपन की स्मृतियां हैं। महिमा काटीवाल ने अखबार पढ़ते बुजुर्ग की पेंटिंग के साथ ही एक पेंटिंग राजस्थानी मिनिएचर शैली में भी बनाई है पर इसमें उन्होंने मॉर्डन टच देते हुए महिलाओं के हाथों में मोबाइल भी दिखाया है। सारिका ने कुछ सुंदर ड्रॉइंग्स और पोट्र्रेट्स भी प्रदर्शित किए हैं। निधि राठौर, सौम्या बेसाखिया, उमेश जांगिड़ ने हॉलीवुड स्टार्स के कुछ सुंदर पोटे्र्रट बनाए हैं। वॉटर कलर्स में इन दिनों युवा कलाकार कम ही काम करते हैं पर यहां शादाब खान और निष्ठा जैन ने वॉटर कलर में कुछ खूबसूरत लैंडस्केप बनाए हैं। सलोनी जैन की पांच महिलाओं की पेंटिंग भी ध्यान खींचती है। अविनाश यादव, स्वाति और श्खिा श्रीवास्तव ने कुछ महलों के अंदर की डिजाइन मिनिएचर शैली में पेंट की है। महिमा और सारिका ने यूरोपियन शैली में कुछ सुंदर पोर्ट्रट बनाए हैं। एग्जीबिशन में कुछ स्टूडेंट्स के काम कमजोर भी हैं और वे केवल अभ्यास का काम लगते हैं। पेंटिंग्स की संख्या कुछ कम होती तो बेहतर होता।
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