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कटकर रखी धान और सोयाबीन पर आफत की बूंदाबांदी

locationइंदौरPublished: Oct 21, 2019 06:17:55 pm

भारी बारिश से और तबाह होगी फसलें

कटकर रखी धान और सोयाबीन पर आफत की बूंदाबांदी

कटकर रखी धान और सोयाबीन पर आफत की बूंदाबांदी

इंदौर. मानसून की विदाई के समय बेमौसम बारिश ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। मध्यप्रदेश में पहले से ही शत.प्रतिशत क्षतिग्रस्त हो गई उड़द,मूंग के बाद अब खेतों में पकने के बाद कटकर रखी धान और सोयाबीन पर आफत के बादल, बूंदाबांदी,बारिश ने एक बार फिर किसानों के चेहरे पर हवाइयां उड़ा दी हैं। पिछले दो दिन से एक बार फिर बेपटरी हुए मौसम ने किसानों की चिंता बढ़ाई है। जिले भर के आसमान में छाए घने बादल और कई हिस्सों में हुई बूंदाबांदी,बारिश से खेतीबाड़ी पर एक बार फिर विपरीत असर पड़ा है। पहले ही जिले में अतिवृष्टि से 72 हजार 047 हैक्टेयर की फसल प्रभावित हुई है। 73 हजार से ज्यादा किसानों को खरीफ फसल के प्रभावित होने से जबरदस्त नुकसान पहुंचा है। अब बारिश की फसल कही जाने वाली धान और सोयाबीन पर आफत के बादल उस वक्त मंडरा रहे हैं, जब धान और सोयाबीन की फसल पूरी तरह पक गई है और पिछले हफ्ते मौसम खुलने के बाद अधिकांश स्थानों पर कटाई के बाद खेत-खलिहान में पड़ी है। ऐसी स्थिति में धान और सोयाबीन पर बारिश और बूंदाबांदी से विपरीत असर है। धान पर पानी पडऩे से उसकी मिलिंग के बाद चांवल टूटेगा। सोयाबीन की फल्लियां नमी पाने के बाद खराब और बेरंग हो जाएंगी, मक्का तो पूरी तरह से तबाह हो चुका है। जबकि इस बार किसानों ने नगदी फसल की आस में मक्का की बोवाई भी बढ़ाई थी पर उन्हें भी अब निराशा हाथ लगी है। इसके साथ ही पंजाब, हरियाणाा, उत्तर प्रदेश, जम्मू.कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में कहीं मध्यम तो कहीं भारी बारिश होने का अनुमान है। उत्तर भारत के राज्यों में खरीफ की प्रमुख फसल धान के साथ ही बाजरा और ज्वार एवं दलहन और तिलहन की कटाई चल रही है जबकि कपास की पिकिंग जोरो पर है। मौसम की विदाई के समय होने वाली बारिश से फसलों की कटाई तो प्रभावित होगी ही साथ ही भारी बारिश से फसल की क्वालिटी और उत्पादकता में भी कमी आएगी।
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