इंदौर जिले के जिन १४ गांवों को इस प्रोजेक्ट के लिए चुना गया है, इन गांवों में पानी के लिए भटकना पड़ता है। पीएचई ने इसे स्थाई रूप से दूर करने के लिए प्रोजेक्ट तैयार किया है। इस पर करीब ८ करोड़ रुपए खर्च होंगे। इसमें इन गांवों में नल-जल योजनाओं के स्थापित करने के साथ दो साल के संधारण और संचालन का ठेका दिया जा रहा है। इन नए जल स्रोतों से पानी की व्यवस्था करवाई जाएगी, जो बोरिंग के रूप में होगी। बोरिंग करवाना, मोटर पंप स्थापना, २० किलोलीटर का संपवेल और ६० किलोलीटर की उच्चस्तरीय टंकी का निर्माण, घरों तक वितरण पाइप लाइन डालना और कनेक्शन देना शामिल है। प्रोजेक्ट छह महीने में पूरा होगा, यानी अगली गर्मियों के पहले इन गावों में नल के जरिए पानी मिलने लगेगा। ठेकेदार दो साल की गारंटी पर इसका संचालन और संधारण करेगा। काम खत्म होने के बाद भुगतान के पहले ३० दिन का ट्रायल रन लिया जाएगा।
इन गांवों को मिलेगा फायदा
इस योजना में जिले में देपालपुर तहसील के आंबलिया, कलसुरा, बादीपुरा, बहीरामपुर, धरावरा, गिरोता, शाहपुरा, खिमलावाड़ा, ओरंगपुरा, कदोदा, छड़ोदा, गिरोदा, ताकीपुरा और महू तहसील के पिपलिया मल्हार गांवों को लाभ पहुंचेगा। इन गांवों में हर घर में नल कनेक्शन होगा और हर व्यक्ति को कम से कम ७० लीटर पानी रोज मिलेगा।
इस योजना में जिले में देपालपुर तहसील के आंबलिया, कलसुरा, बादीपुरा, बहीरामपुर, धरावरा, गिरोता, शाहपुरा, खिमलावाड़ा, ओरंगपुरा, कदोदा, छड़ोदा, गिरोदा, ताकीपुरा और महू तहसील के पिपलिया मल्हार गांवों को लाभ पहुंचेगा। इन गांवों में हर घर में नल कनेक्शन होगा और हर व्यक्ति को कम से कम ७० लीटर पानी रोज मिलेगा।