बीएमएचएस डॉक्टर ने किया एलोपैथी इलाज खजराना निवासी शानिला मोहम्मद परवेज के वकील गौरव के. वर्मा ने बताया, 6 फरवरी 2020 को शानिला गर्भवती हुई थीं। क्षेत्र के अल रहमान अस्पताल में डॉ. स्वीटी बराडिय़ा ने उपचार किया। डॉक्टर के कहने पर सोनोग्राफी भी कराई। रिपोर्ट देखकर डॉक्टर ने कभी भी गर्भस्थ शिशु को कोई परेशानी होने की बात नहीं बताई। 10 अक्टूबर 2020 को उसी अस्पताल में डिलीवरी हुई तो बच्ची के कमर के नीचे का हिस्सा पैरालाइज होने की बात पता चली। डॉ. स्वीटी बीएचएमएस (बैचलर ऑफ होम्योपैथी मेडिसिन) हैं, लेकिन एलोपैथी से इलाज किया। आरोप है कि इलाज में गड़बड़ी के कारण गर्भ में बच्ची को गंभीर समस्या हो गई।
पांच डॉक्टरों की टीम ने की जांच 22 नवंबर को मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया और मेडिकल काउंसिल ऑफ स्टेट को शिकायत की गई। एमसीआइ ने कलेक्टर इंदौर को जांच के आदेश दिए थे। कलेक्टर ने डॉ. पूर्णिमा गड़रिया, डॉ. संतोष सिसौदिया, डॉ. सुनील गंगराड़े, डॉ. अमित मालाकार और डॉ. शैलेंद्र अवस्थी की जांच कमेटी बनाई। 26 जुलाई 2021 को कमेटी ने रिपोर्ट दी। इस पर सीएमएचओ ने अस्पताल का पंजीयन निरस्त करने सहित जिम्मेदारों के खिलाफ एफआआइ करने के निर्देश दिए थे।
अस्पताल का बदल लिया नाम वर्मा ने बताया कि शानिला के उपचार के समय अस्पताल का नाम अल रहमान था। इसके डायरेक्टर मोहम्मद फारूख हैं। 26 जुलाई को रिपोर्ट पेश होने के बाद खजराना के उक्त अस्पताल का नाम स्टार हेल्थ केयर हॉस्पिटल कर दिया गया है, लेकिन डायरेक्टर वही है। हाई कोर्ट में इसकी जानकारी पेश की गई है।
ये है मां की गुहार 1. अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो। 2. गलत उपचार करने वाली डॉ. स्वीटी पर एफआआइआर दर्ज हो 3. मजदूर पिता की बेटी को मुआवजा मिले और अच्छा उपचार हो, ताकि वह बाकी बच्चों की तरह जीवन जी सके