यूजी में बीए, बीकॉम, बीएससी और पीजी में एमए, एमकॉम, एमएससी आदि कोर्सेस में प्रवेश के लिए प्रदेश में ऑनलाइन काउंसलिंग की व्यवस्था है। सिर्फ अल्पसंख्यक कॉलेजों को सीधे एडमिशन की छूट है। उच्च शिक्षा विभाग ने दो बार एडमिशन की अंतिम तारीख बढ़ाने के बाद 31 अगस्त तक अंतिम मौका दिया। इसके बाद एडमिशन की लिंक बंद की जाना थी, लेकिन यह अब तक खुली है। इसका फायदा उठाते हुए अल्पसंख्यक कॉलेजों ने अंतिम तारीख के बाद भी एडमिशन जारी रखे। जिन कोर्सेस में सीटें खाली हैं, उन्हें भरने के लिए वे छात्रों को फोन लगाकर बुला रहे हैं। सितंबर में नियमित एडमिशन होने से विभाग हैरान है। कुछ कॉलेजों को फायदा पहुंचाने के लिए ही यह खेल रचा गया।
काउंसलिंग शुरू होने के बाद पहले 10 अगस्त तक, फिर कम एडमिशन देख 14 अगस्त और तीसरी बार 31 अगस्त तक की मोहलत दी। अंतिम बार समय बढ़ाने से पहले विभाग ने 14 अगस्त को लिंक बंद कर दी थी। 31 अगस्त की रात को भी लिंक बंद की जाना थी, लेकिन कॉलेजों ने फॉर्म जमा किए तो बकायदा पहले ही तरह आईडी नंबर भी जनरेट हो रहे हैं।
प्रवेश अवैध, कॉलेजों से तलब करेंगे रिकॉर्ड
सभी नियमित कोर्सेस में प्रवेश के लिए 31 अगस्त तक का समय निर्धारित था। इसके बाद हुए सभी नियमित प्रवेश अवैध हैं। ई-प्रवेश लिंक का संचालन भोपाल से होता है। शनिवार को इस संबंध में जानकारी लेंगे। कॉलेजों से भी रिकॉर्ड तलब किया जाएगा।
– प्रो. केएन चतुर्वेदी, अतिरिक्त संचालक, उच्च शिक्षा विभाग
सभी नियमित कोर्सेस में प्रवेश के लिए 31 अगस्त तक का समय निर्धारित था। इसके बाद हुए सभी नियमित प्रवेश अवैध हैं। ई-प्रवेश लिंक का संचालन भोपाल से होता है। शनिवार को इस संबंध में जानकारी लेंगे। कॉलेजों से भी रिकॉर्ड तलब किया जाएगा।
– प्रो. केएन चतुर्वेदी, अतिरिक्त संचालक, उच्च शिक्षा विभाग
दो दर्जन से ज्यादा कॉलेजों का फायदा
प्रदेश में 55 कॉलेज अल्पसंख्यक संस्थान का दर्जा हासिल कर चुके हैं, जिसमें २७ कॉलेज इंदौर से है। इनमें भी आधे कॉलेज ऑनलाइन काउंसलिंग से छुटकारा पाने के लिए अल्पसंख्यक बने हैं। विभाग के आंकड़ों के अनुसार प्रदेशभर से दो दर्जन से ज्यादा कॉलेजों ने लिंक खुली रहने का फायदा उठाया है।
प्रदेश में 55 कॉलेज अल्पसंख्यक संस्थान का दर्जा हासिल कर चुके हैं, जिसमें २७ कॉलेज इंदौर से है। इनमें भी आधे कॉलेज ऑनलाइन काउंसलिंग से छुटकारा पाने के लिए अल्पसंख्यक बने हैं। विभाग के आंकड़ों के अनुसार प्रदेशभर से दो दर्जन से ज्यादा कॉलेजों ने लिंक खुली रहने का फायदा उठाया है।