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इंदौर

मिस मैनेजमेंट की भेंट चढ़ा ई-रिक्शा परिवहन

रूट तय हो तो सुधरे हाल

इंदौरMar 05, 2021 / 06:43 pm

रमेश वैद्य

मिस मैनेजमेंट की भेंट चढ़ा ई-रिक्शा परिवहन

ई-रिक्शा

इंदौर. शहर को प्रदूषण मुक्त करने के लिए ई-रिक्शा को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। वैन, मैजिक और रिक्शा के बाद ई-रिक्शा बड़ा लोक परिवहन का साधन बनकर उभरा है, लेकिन प्रशासन, पुलिस और परिवहन विभाग के मिस-मैनेजमेंट के चलते ई-रिक्शा चालक तो परेशान हैं। साथ में कई जगह ट्रैफिक जाम का सबब बन रहे हैं।
शहर में करीब 1500 ई-रिक्शा हैं, जो तीन साल पहले से चलन में आए हैं। सरकारी योजना के तहत भी ई-रिक्शा देने लगे। ई-रिक्शा इसलिए भी फायदेमंद है, क्योंकि इनसे प्रदूषण नहीं फैलता। बाकायदा आरटीओ से ई-रिक्शा का रजिस्ट्रेशन होता है, लेकिन रूट तय नहीं किए हैं, एेसे में चालक कहीं से भी रिक्शा चलाते हैं। इससे ट्रैफिक जाम तो होता ही है साथ में विवाद की स्थिति भी निर्मित होती है। यह मुद्दा सडक़ सुरक्षा समिति के बैठक में उठ चुका है।
चालकों ने की रूट की मांग
चालक लंबे समय से ई-रिक्शा के लिए रूट की मांग कर रहे हैं। इस स्थिति में मैजिक, वैन और रिक्शा चालकों से सवारी बैठाने को लेकर विवाद होते हैं। अगर रूट तय होंगे तो विवाद की नौबत नहीं आएगी। इसके अलावा उन रूटों पर यात्रियों को लोकपरिवहन की सुविधा भी मिलेगी, जहां कोई लोकपरिवहन नहीं चलता।
कई जगह लगता है जाम
रूट तय नहीं होने से रिक्शा चालक वहां पहुंच जाते हैं, जहां पर सबसे ज्यादा लोगों की आवाजाही होती है। वहां पहले से ही रिक्शा, वैन, मैजिक और सिटी बस होती हैं। एेसे में बड़ी संख्या में ई-रिक्शा खड़ी होने से ट्रैफिक जाम हो जाता है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण राजबाड़ा चौक है। इसके अलावा राजमोहल्ला, रणजीत मंदिर, महूनाका, नगरनिगम, मालवा मिल जैसे क्षेत्रों में परेशानी ज्यादा आती है।
पत्राचार किया है
सडक़ सुरक्षा समिति में इस मुद्दे को रखा गया था। आरटीओ को इस मामले में औपचारिकता पूरी करनी है। एेसी जानकारी है रूट पॉलिसी नहीं है एेसे में शासन ही इस मामले पर निर्णय ले पाएगा। इस संबंध में पत्राचार किया जा रहा है।
-रणजीत सिंह देवके, एएसपी, ट्रैफिक पुलिस
रूट के लिए कर रहे प्रयास
ई-रिक्शा के रूट को लेकर प्रयास किए जा रहे हैं। इस संबंध में शासन से पत्राचार किया जा रहा है।
-जितेन्द्र सिंह रघुवंशी, आरटीओ

चालकों का फायदा
ई-रिक्शा के रूट तय किए जाएं, यह हमारी मांग है। इसे लेकर अफसरों से मिल चुके हैं। जिस तरह से मैजिक और वैन को रूट और सिटी परमिट दिए हैं, उसी तरह ई-रिक्शा के लिए रूट निर्धारित किए जाए। इससे चालकों को भी फायदा होगा।
-सिद्धार्थ चौहान, अध्यक्ष, इंदौर बैटरी ऑटो रिक्शा महासंघ

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