थ्री आर फोरम में विशेषज्ञ वक्ताओं और उद्योगपतियों ने दी। इस सत्र में दुनिया में खतरनाक व कीमती वेस्ट पर चर्चा की गई। बेंगलूरु स्थित इ-परिसर के पी. पार्थसारथी ने बताया, सरकार द्वारा बनाए गए कानून के क्रियान्वयन के प्रयास नहीं किए जा रहे। कम्प्यूटर, मोबाइल से निकलने वाले इ-कचरे को देखने की जरूरत है। सरकार ने भी प्रिंटेड सर्किट बोर्ड और स्मार्ट फोन के बोर्ड को लेकर योजना बनाई है। इनमें गोल्ड व कॉपर की अच्छी मात्रा रहती है। ४० स्मार्ट फोन से १ ग्राम सोना निकाला जा सकता है। इसका उपयोग इलेक्ट्रोप्लेटिंग में होता है।
२०२१ तक दुनिया में ५५ लाख टन इ-वेस्ट
ऑस्ट्रेलिया से आए सुनील हेरात ने बताया, दुनिया में ४४ लाख टन इ-कचरा निकल रहा है। एशियाई देशों की हिस्सेदारी ४० प्रतिशत है। भारत में २ लाख टन इ-कचरा निकाल रहा है। अगले दो साल में ५.५ लाख टन हो जाएगा। ६५ सिटी से ही ६० फीसदी से ज्यादा कचरा निकल रहा, इसके निपटान पर नियंत्रण करना होगा।
ऑस्ट्रेलिया से आए सुनील हेरात ने बताया, दुनिया में ४४ लाख टन इ-कचरा निकल रहा है। एशियाई देशों की हिस्सेदारी ४० प्रतिशत है। भारत में २ लाख टन इ-कचरा निकाल रहा है। अगले दो साल में ५.५ लाख टन हो जाएगा। ६५ सिटी से ही ६० फीसदी से ज्यादा कचरा निकल रहा, इसके निपटान पर नियंत्रण करना होगा।
किटाक्यूशू ने बदली पहचान
मेयर कॉन्फ्रेंस में जापान के शहर किटाक्यूशू में हुए बदलाव को लेकर जापान सरकार के पर्यावरण विभाग के डायरेक्टर टाकानारी अरीमा ने जापानी शहर की पुरानी और वर्तमान स्थिति को प्रजेंटेशन के जरिए सामने रखा। उन्होंने कहा, हमें कचरे, पानी का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करने के साथ ही कचरा प्रबंधन पर भी ध्यान देना होगा। इससे सभी शहर साफ बन सकते हैं।
मेयर कॉन्फ्रेंस में जापान के शहर किटाक्यूशू में हुए बदलाव को लेकर जापान सरकार के पर्यावरण विभाग के डायरेक्टर टाकानारी अरीमा ने जापानी शहर की पुरानी और वर्तमान स्थिति को प्रजेंटेशन के जरिए सामने रखा। उन्होंने कहा, हमें कचरे, पानी का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करने के साथ ही कचरा प्रबंधन पर भी ध्यान देना होगा। इससे सभी शहर साफ बन सकते हैं।