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इन विकल्पों से आसान हो सकता है यातायात, सरकार व प्रशासन में इच्छाशक्ति की कमी

locationइंदौरPublished: Jan 14, 2018 09:15:43 pm

Submitted by:

amit mandloi

लिंक रोड के विकल्प बायपास करने से जाम व हादसों में उलझ रहा शहर का ट्रैफिक, एबी रोड व रिंग रोड की लिंक पूरी कर सुगम बना सकते हैं नया

big issue traffic problem
बॉटलनेक को ऐसे करें चौड़ा
इंदौर. स्मार्ट बन रहे शहर के पुराने हिस्से के साथ ही बायपास-रिंग रोड व बीआरटीएस (एबी रोड) के इर्द-गिर्द भी नया शहर विकसित हो गया है। इन तीनों सडक़ों के बीच रहवासी व कमर्शियल एरिया की सघनता से भीड़ लगातार बढ़ रही है। बीआरटीएस पर जाम, रिंग रोड पर रफ्तार ट्रैफिक के लिए मुश्किल बन गए हैं। प्रशासन ने एक साल पहले बीआरटीएस की बॉटलनेक में जाम का हल निकालने के लिए विजय नगर से नौलखा के बीच सर्वे कर लिंक रोड खोज कर रिपोर्ट बनाई गई थी, जो कागजों में ही खो गई। बीआरटीएस पर जाम की समस्या यथावत बनी हुई है, अब रिंग रोड पर भी मुश्किलें लगातार बढ़ रही हैं।
शहर का विस्तार एबी रोड से बायपास के बीच तेजी से हो रहा है। आबादी की सघनता बढऩे से वाहनों की संख्या भी बढ़ रही है। जिससे दोनों सडक़ों पर जाम होने के साथ ही दुर्घटनाओं का आंकड़ा भी तेजी से बढ़ रहा है। इन दोनों पर ट्रैफिक का बंटवारा करने के लिए मास्टर प्लान में कुछ लिंक दी गई हैं, जिनमें एमआर ९, एमआर १०, पीपल्याहाना-बायपास सडक़, एमआर ३ आदि महत्वपूर्ण हैं। इसके अतिरिक्त भी २०-२१ प्रचलित सडक़े हैं, जिनसे टैफिक को इन सडक़ों पर नियंत्रित किया जा सकता है। जानकारों के अनुसार रिंग रोड और बीआरटीएस के लिए इन लिंक सडक़ों का उपयोग करके ट्रैफिक का डायवर्शन नहीं किया, तो भविष्य में जाम जैसी समस्या विकराल रूप ले लेगी।
इन विकल्पों को करना होगा तैयार

विकल्प १ : एमआर ११ का निर्माण जरूरी है, जो बायपास, उज्जैन रोड व एमआर ४ को जोड़ेगा। एमआर १० से निरंजनपुर तक करीब २ किमी का हिस्सा बना कर इसे सुगम किया जा सकता है।
विकल्प २ : निरंजनपुर चौराहे के पास से पीपल्याकुमार होते हुए मार्ग सीधा बायपास पर मिलता है। इसकी चौड़ाई १८ मीटर है। इसके आसपास कॉलोनियों का निर्माण हो चुका है। निरंजनपुर से बीआरटीएस तक यह मार्ग थोड़ा बहुत बना है। इसे बायपास से इसे जोड़ कर लिंक रोड बनाया जा सकता है।
विकल्प नंबर ३ : शालीमार टाउनशिप के बगल से रिंग रोड तक जा रही इस सडक़ की चौड़ाई भी १८ मीटर है। इस पर हाई कोर्ट से स्टे है।
विकल्प ४ : सी २१ मॉल के सामने आईडीए द्वारा विकसित कमर्शियल कॉम्प्लेक्स के पीछे से एमआर ९ व न्यू देवास रोड रसोमा चौराहे के पास जोडऩे वाली १८ मीटर की सडक़ है। वर्तमान में एमआर ९ का एक हिस्सा नहीं बनने से आ रही मुश्किलों का हल इस रोड को बना किया जा सकता है। एमआर-१० की ओर जाने वाले वाहनों को विजय नगर चौराहे से दूर ले जाया जा सकता है।
विकल्प ५ : बीआरटीएस पर यातायात का दबाव एमआर ९ चौराहे के आसपास रहता है। सी २१ मॉल व इसके सामने के हिस्से में कमर्शियल कॉम्प्लेक्स है। पीछे सियागंज पीयू २ है। इसके दो अहम विकल्प है, जो ट्रैफिक के दबाव को कम करेंगे। एक विकल्प रसोमा लैब से रिंग रोड तक का है। ३० मीटर चौड़ाई की इस लेन को सिर्फ रिंग रोड की सर्विस रोड से जोडऩा है। इसी तरह एबी रोड के समानान्तर रहते हुए पीयू ४ की १८ मीटर रोड से जोड़ता है। यदि प्रशासन व नगर निगम चाहे तो एबी के समानान्तर एक और रोड बना सकता है। जिससे विजय नगर चौराहे पर यातायात का दबाव कम होगा।
विकल्प ६ : आईडीए की स्कीम १५० की मुख्य रोड का निर्माण कर वाहनों को रिंग रोड पर निकाला जा सकता है। यह ६० फीट चौड़ी सडक़ स्टेट बैंक व होटल श्रीमाया सेलिब्रिटी के बीच से रिंग रोड को जोड़ती है। इसका बड़ा हिस्सा आईडीए के पास है। इसके अतिक्रमण हटा कर सडक़ बनाई जा सकती है।
विकल्प ७ : रसोमा चौराहे से पाटनीपुरा होते हुए मालवा मिल तक की सडक़ को व्यवस्थित कर बीआरटीएस का ट्रैफिक दबाव कम हो सकता है। इसके लिए मालवा मिल से रसोमा चौराहे तक एलिवेटेट ब्रिज का सर्वें करवा कर देखा जा सकता है। इससे विजय नगर चौराहे से सीधे शहर की ओर आने वाले वाहनों को भेज सकते हैं।
विकल्प ८ : एमआर ९ बीआरटीएस से रिंग रोड होते हुए बायपास तक का यह पहुंच मार्ग भी मास्टर प्लान में प्रस्तावित है। २०० फीट का यह मार्ग अनेक स्थानों एकआर ९ चौराहे के आगे बन ही नहीं सका है। एक हिस्सा निर्माणों के कारण उलझा हुआ है। इसके बनने से खजराना की ओर जाने वाले वाहनों को इस मार्ग पर ले जाया जा सकेगा।
विकल्प ९ : एलआईजी लिंक रोड का निर्माण वर्षों से चल रहा है। इस मार्ग से साकेत, मनीषपुरी, तिलकनगर व रिंग रोड की ओर जाने वाले ट्रैफिक को बीआरटीएस से डायवर्ट किया जा सकता है। इसका काफी हिस्सा बन कर शुरू भी हो गया है, सिर्फ मुहाने और बीच का कुछ हिस्सा बनना है।
विकल्प १० : पलासिया क्षेत्र में गिटार तिराहे से साकेत होते हुए रिंग रोड तक का मार्ग भी मास्टर प्लान में है। ८० फीट के इस मार्ग का निर्माण साकेत के पास संकरी गली में परिवर्तित हो गया है। छोटा से हिस्सा नहीं बनने से मुश्किल आ रही है।
विकल्प ११ : एबी रोड चिडि़याघर के पास से आजाद नगर, मूसाखेड़ी होते हुए चितावद चौराहे रिंग रोड पर मिलता है। इसे बायपास तक ले जाया जा सकता है। इसे बनाने की कवायद भी शुरू हुई थी, लेकिन अतिक्रमण के कारण निर्माण अटका हुआ है।
विकल्प १२ : होलकर कॉलेज के सामने अंडर पास के समीप से एबी रोड को रिंग रोड से मिलाने के लिए मार्ग प्रस्तावित है। यह मार्ग विवि ऑडिटोरियम के पास से रिंग रोड को मिलाता है।
विकल्प १३ : राजीव गांधी चौराहे से भंवरकुंआ चौराहे तक रिंग रोड को मिलाने वाले दो वैकल्पिक मार्ग हैं। इसमे एक इंद्रपुरी होते हुए जाता है। दूसरा भोलाराम उस्ताद मार्ग है। इन दोनों को तैयार करके रिंग रोड पर जाया जा सकता है।
विकल्प १४ : बॉटलनेक व विजय नगर के कुछ हिस्से में जाम का कारण बनने वाले वाहनों के लिए और भी वैकल्पिक मार्ग हैं। इनमें इंटर सिटी लिंक में जंजीरवाला चौराहे से नेहरू नगर होते हुए अटल द्वार के पास से एलआईजी रोड पर भी वाहनों को लाया जा सकता है। यह समानान्तर एबी रोड का कार्य करेगा।

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