चार बैंक खातों में मिले इतने करोड़
ईडी दर्ज करेगा केस : बैंक मैनेजर की भूमिका की जांच, जेल में बंद आरोपी की हुई गिरफ्तारी

इंदौर. फर्जी फर्म के नाम से खोले चार बैंक खातों की जांच में 44 करोड़ का हिसाब मिला है। जेल में बंद आरोपी की पुलिस ने गिरफ्तारी ली जा चुकी है जबकि महिला बैंक मैनेजर की भूमिका की जांच जारी होने से गिरफ्तारी नहीं हुई।
फर्जी नाम से खोले बैंक खातों के जरिए काली कमाई को सफेद करने को लेकर पुलिस ने एफआइआर की कॉपी और जानकारी ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) को भेजी है, अब ईडी केस दर्ज कर आगे कार्रवाई करेगी। २९ अक्टूबर को अन्नपूर्णा पुलिस ने कारसदेव नगर में रहने वाले विनोद पाटीदार की शिकायत पर गौरव कांकाणी निवासी प्राइम पार्क लिम्बोदी, मनोज खंडेलवाल निवासी सत्यदेव नगर, नितिन खंडेलवाल निवासी सुदामा नगर, उसके भाई सचिन खंडेलवाल, पीयूष आहूजा निवासी महू और विनीशा चांडक निवासी राऊ के खिलाफ धोखाधडी का केस दर्ज किया था। मामले में गौरव, मनोज, नितिन व सचिन को गिरफ्तार कर लिया।
पीयूष करोड़ों के ऑनलाइन सट्टे के मामले में पहले से ही गिरफ्तार था। सीएसपी पुनीत गेहलोत व टीआइ सतीश द्विवेदी ने मामले में जांच की, बाद में पीयूष की जेल जाकर गिरफ्तारी ली। बैंक मैनेजर विनीशा ने अपना पक्ष रखते हुए अफसरों के सामने कई तथ्य रखे, जिसे जांच में शामिल किया। इसके कारण गिरफ्तारी नहीं की गई।
कर चोरी के लिए दिखाया फर्जी कारोबार
कुछ व्यापार का लेन-देन बताया था। कॉटन कारोबार की जानकारी दी। कॉटन का परिवहन जिन ट्रकों में बताया, वह भी पुलिस की जांच में फर्जी निकले। इसके कारण आशंका है, टैक्स चोरी की नीयत से फर्जी व्यापार बताया है। पुलिस का मानना है, महू में पकड़ाए ऑनलाइन टैक्स की कमाई के साथ कई व्यापारियों की काली कमाई बैंक खातों में जमा कर उन्हें सफेद करने का काम किया है। चूंकि पुलिस के पास फर्जी दस्तावेज से खाता खोलने व कारोबार करने की जांच का अधिकार है, जिसे पूरा किया जा रहा है। काली कमाई को सफेद करना मनी लॉन्ड्रिंग के तहत आता है इसलिए ईडी को जानकारी दी गई। ईडी जल्द ही केस दर्ज कर सकती है।
नकद राशि जमा कर निकाली गई
सीएसपी पुनीत गेहलोत के मुताबिक, जांच पूरी हो गई है। आरोपियों ने मजदूर विनोद व महू के युवक के नाम से बुलढ़ाना बैंक में चार बैंक खाते खुलवाए थे। बैंक खातों का संचालन गौरव कर रहा था। महू में रहकर खुद को सीए बताने वाले पीयूष के साथ मिलकर योजनाबद्ध तरीके से बैंक खाते दूसरों के नाम खोले गए। फर्जी फर्म का रजिस्ट्रेशन कराया और बैंक खातों में लेन-देन शुरू कर दिया। बैंक खातों में ज्यादातर नकद राशि जमा हुई और नकद ही निकाली लेकिन आयकर को सूचना नहीं दी।
अब पाइए अपने शहर ( Indore News in Hindi) सबसे पहले पत्रिका वेबसाइट पर | Hindi News अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें Patrika Hindi News App, Hindi Samachar की ताज़ा खबरें हिदी में अपडेट पाने के लिए लाइक करें Patrika फेसबुक पेज