इंदौर में जमीन का बड़ा कारोबार है जिसमें गृह निर्माण संस्थाओं की जमीनों की खरीद-फरोख्त और गाइड लाइन व वास्तविक बाजार मूल्य में बड़ा अंतर होने की वजह से बड़े पैमाने पर कालाधन भी लगा हुआ है। दो साल पहले जिला प्रशासन ने दीपक मद्दा जैसे जमीन के जादूगर के खिलाफ ६ मुकदमे दर्ज करके तीन हजार करोड़ की आर्थिक अनियमितताओं का अंदेशा लगाया था। ईडी को जांच करने का भी कहा था।
पिछले दिनों सक्रिय हुई ईडी ने सुरेंद्र संघवी, प्रतीक संघवी, दीपक मद्दा और मुकेश खत्री जैसे नामचीन जमीन के जादूगरों के यहां पर छापामार कार्रवाई की थी। जांच के दौरान ईडी को ९१ लाख रुपए नकद और २५० करोड़ से अधिक की संपत्ति के दस्तावेज मिले थे। उसके अलावा भी कई दस्तावेज सामने आए जिसमें जमीन से जुड़े कई कलाकारों से भी लेन-देन निकला।
उस पर ईडी ने हाल ही में ३२ लोगों को नोटिस जारी करके पूछताछ के लिए बुलाया था। इसमें मद्दा की पत्नी समता जैन, उसके भाई दीपेश वोहरा, राजू अगार, आशीष जैन, अशोक पिपाड़ा और उसके बेटे अवि के अलावा हैप्पी और लक्की धवन को भी नोटिस दिया था। समता जैन से तो ६ घंटे तक पूछताछ की गई जिसमें कई खुलासे हुए।
अंदर ही अंदर सर्चिंग
सूत्रों के मुताबिक जमीन के कारोबार में कई बड़े कलाकारों के शामिल होने की जानकारी लगने के बाद ईडी बड़ी ही सतर्कता से सर्च कर रही है। बहुत ही गंभीरता से जादूगरों की जानकारी जुटाई जा रही है ताकि वे सतर्क न हो सके। कारोबारों की जानकारी और कहां-कहां जमीन है और कैसे खरीदी गई या पार्टनर है तो किस तरह से बने उसकी जानकारी जुटाई जा रही है।
खुलती गई परतें
लगातार पूछताछ के बाद ईडी को ये भी स्पष्ट हो गया है कि ३२ लोगों में से कई नाम ऐसे भी हैं जो डमी है। असली खिलाड़ी तो कोई ओर ही है। बचने के लिए उन्होंने अपने गुर्गे को आगे कर दिया। समता जैन से पूछताछ में अगार के मामले में तो उन्हें स्पष्ट हो गया कि नीलू पंजवानी से जुड़ा है और जमीनों के दस्तावेज भी उसके पास ही है।
इसके अलावा आशीष भी डमी नाम है उसके पीछे कोई नवीन नामक शख्स है। पिपाड़ा परिवार को लेकर भी कई जानकारियां ईडी को हाथ लगी हैं। इसके आधार पर अब ईडी सभी की बैंक के पांच साल की डिटेल निकाल रही है। उसके अलावा कहां-कहां से इनका ट्रांजेक्शन हुआ है उसका भी पता लगा रही है ताकि असल खिलाड़ी की गर्दन तक हाथ पहुंच सके।