scriptखाद्य तेलों में और गिरावट के आसार | Edible oils expected to fall further | Patrika News

खाद्य तेलों में और गिरावट के आसार

locationइंदौरPublished: Jun 24, 2022 06:06:11 pm

मलेशिया में पाम ऑयल का भाव 3 प्रतिशत से अधिक लुढ़का

खाद्य तेलों में और गिरावट के आसार

खाद्य तेलों में और गिरावट के आसार

इंदौर. मलेशिया में पाम ऑयल का भाव 3 प्रतिशत से अधिक लुढक़ गया और मार्च के मध्य के बाद से अपनी सबसे बड़ी गिरावट के लिए तैयार हो रहा है। बर्सा मलेशिया डेरिवेटिव्स एक्सचेंज पर सितंबर डिलीवरी के लिए बेचमार्क पाम ऑयल कॉन्टे्रक्ट मिड डे ब्रेक पर 143 रिंगिट या 3 .01 प्रतिशत गिरकर 4601 रिंगिट प्रति टन रहा। मार्केट के जानकारों का कहना है कि इस हफ्ते पाम ऑयल में सेंटीमेंट बहुत मजबूती के साथ मंदी में बदल चुका है। कुल मिलाकर हालात ये हैं कि क्रूड पाम ऑयल कांडला का भाव धीरे-धीरे 1,100 रुपये से नीचे लुढक़ जाएगा और आने वाले महीनों में भाव 1,000 रुपये प्रति 10 किलोग्राम से भी नीचे भी गिर सकता है। खाद्य तेलों के रूप में भारत सबसे ज्यादा पाम ऑयल ही इंपोर्ट करता है। व्यापारियों का कहना है कि इंडोनेशिया द्वारा निर्यात पर लगी रोक को हटाने और ड्यूटी में कटौती की वजह से वैश्विक स्तर पर पाम ऑयल की सप्लाई में बढ़ोतरी देखने को मिली है। वहीं दूसरी ओर युद्ध के बावजूद यूके्रन से सूरजमुखी तेल का निर्यात मई और जून के महीने में अनुमान से ज्यादा बढ़ा है। वैश्विक मंदी की चिंता की वजह से कच्चे तेल में इस हफ्ते 10 फीसदी से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई है, जिसका असर भी खाद्य तेलों की कीमतों पर पड़ा है। खाद्य तेलों की कीमतों ने इस साल अपने उच्चतम स्तर को छू लिया है और इस साल के अंत तक खाद्य तेलों में 10-15 फीसदी की गिरावट और देखने को मिल सकती है।
डीओसी निर्यात में आई भारी कमी
डीओसी के निर्यात में आई भारी गिरावट के कारण घरेलू बाजार में सोयाबीन का बकाया स्टॉक ज्यादा बचा हुआ है, जबकि मानसूनी बारिश उत्पादक राज्यों में अच्छी हुई तो फिर सोयाबीन की बुआई बढऩे का ही अनुमान है। सोया डीओसी का निर्यात बीते वर्ष में मंई अंत तक 17.05 लाख टन का हुआ था, जबकि चालू सीजन में मई अंत तक इसका निर्यात केवल 5.62 लाख टन का ही हुआ है। माना जा रहा कि चालू सीजन के अंत तक इसका निर्यात केवल 7 लाख टन ही होने का अनुमान है। सूत्रों के अनुसार मई में सोया डीओसी के निर्यात में भारी कमी आई थी, जबकि इस समय भी निर्यात मांग काफी कमजोर है। विश्व बाजार में सोया डीओसी के दाम नीचे होने के साथ ही केंद्र सरकार द्वारा सोया डीओसी के आयात को मंजूरी दिए जाने से भारतीय सोया डीओसी में निर्यात के साथ ही घरेलू मांग कमजोर हो गई। अत: सोयाबीन का उत्पादन बढऩे से घरेलू बाजार में सोयाबीन की पेराई पिछले साल की तुलना में कम रही है। जिस कारण उत्पादक मंडियों में सोयाबीन का बकाया स्टॉक चालू सीजन में अंत में ज्यादा बचेगा, जबकि पिछले साल सीजन के अंत में बकाया स्टॉक नहीं के बराबर बचा हुआ था।
लूज तेल (प्रति दस किलो) : इंदौर मंूगफली तेल 1540 से 1560, मुंबई मूंगफली तेल 1550, इंदौर सोयाबीन रिफाइंड 1305 से 1310, इंदौर सोयाबीन साल्वेंट 1270 से 1275, मुंबई सोया रिफाइंड 1330, मुंबई पाम तेल 1270, इंदौर पाम 1340, राजकोट तेलिया 2450, गुजरात लूज 1520, कपास्या तेल इंदौर 1330 रुपए।
तिलहन : सरसों 6200 से 6400, रायड़ा 6100 से 6200, सोयाबीन 6000 से 6605 रुपए क्विंटल। सोयाबीन डीओसी स्पॉट 47200 से 49500 रुपए टन।
प्लांटों के सोयाबीन भाव : बैतूल 6200, महाकाली 6225, प्रेस्टीज 6200, रुचि 6150, धानुका 6375, एमएस नीमच 6250, एमएस पचोर 6225, प्रकाश 6250, सिवनी 6200 व एवी 6150 रुपए।
कपास्या खली ( 60 किलो भरती) बिना टेक्स भाव – इंदौर 2025, देवास 2025, उज्जैन 2025, खंडवा 2000, बुरहानपुर 2000, अकोला 3050 रुपए।
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