परिवहन विभाग में फीस जमा किए जाने से लेकर अपॉइंटमेंट तक ऑनलाइन हो चुके हैं। पहले बाबू रसीद काट देते थे और आवेदक अपने काम को ऑफ लाइन यानी मैन्युअली करा लेते थे, लेकिन जब से सिस्टम ऑनलाइन हुआ, तब से मैन्युअली रसीदें काटी जाना बंद हो गईं। ऑनलाइन अपॉइंटमेंट से लेकर लाइसेंस, फिटनेस सहित अन्य कार्य के लिए आवेदकों को ऑनलाइन फीस जमा करना होती है।
सोमवार को भी हुए परेशान सोमवार सुबह और दोपहर को भी लोगों को विभिन्न तरह के अपॉइंटमेंट लेने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। सोमवार शाम तक वेबसाइट थोड़ी ठीक हुई थी कि मंगलवार को अपॉइंटमेंट की फीस जमा होने में लोगों को दिक्कत आई, इससे कई लोगों को खाली हाथ ही लौटना पड़ा। एजेंटों की मानें तो आवेदक जब फीस जमा कर रहे थे तो जमा नहीं हो रही थी।
बगैर एजेंट या एमपी ऑनलाइन के नहीं होता काम
परिवहन विभाग ने आवेदकों के लिए घर बैठे ऑनलाइन सुविधाएं शुरू कर दी हों, लेकिन आवेदकों को तकनीकी दिक्कत आने पर ऐसी कोई सुविधा नहीं दी गई जिस पर वे अपनी परेशानी बताकर उसका समाधान पा सकें। ऐसे में आवेदक को एमपी ऑनलाइन या एजेंटों का ही सहारा लेना पड़ता है। ये लोग सेवा देने के नाम पर आवेदक से फीस भी वसूलते हैं, जिसके चलते आवेदकों को फीस की अतिरिक्त ही राशि देना पड़ रही है। इधर, इस मामले में आरटीओ अधिकारी का कहना था कि उनके पास किसी प्रकार की कोई शिकायत नहीं आई, लेकिन जानकारी दी जा रही है तो वे मामले को चेक कराएंगे। आवेदकों को होने वाली परेशानी को दूर किया जाएगा।
परिवहन विभाग ने आवेदकों के लिए घर बैठे ऑनलाइन सुविधाएं शुरू कर दी हों, लेकिन आवेदकों को तकनीकी दिक्कत आने पर ऐसी कोई सुविधा नहीं दी गई जिस पर वे अपनी परेशानी बताकर उसका समाधान पा सकें। ऐसे में आवेदक को एमपी ऑनलाइन या एजेंटों का ही सहारा लेना पड़ता है। ये लोग सेवा देने के नाम पर आवेदक से फीस भी वसूलते हैं, जिसके चलते आवेदकों को फीस की अतिरिक्त ही राशि देना पड़ रही है। इधर, इस मामले में आरटीओ अधिकारी का कहना था कि उनके पास किसी प्रकार की कोई शिकायत नहीं आई, लेकिन जानकारी दी जा रही है तो वे मामले को चेक कराएंगे। आवेदकों को होने वाली परेशानी को दूर किया जाएगा।