नई आबकारी नीति के हिसाब से अब देशी व अंग्रेजी शराब एक साथ बेची जा सकती हैं। इसके अलावा सिंडिकेट का काम खत्म करके सभी ग्रुपों को अलग-अलग ठेका दिया है, जिसके चलते ठेकेदार मोटी कमाई करने के लिए सारे दांव-पेंच लगा रहे हैं, जिसके चलते कई जगह बवाल हो रहे हैं। आज सुबह से पालदा में बवाल चल रहा है। यहां पर पूर्व में ही शराब दुकान थी, जो खंडवा रोड की उप दुकान है।
ये दुकान वर्षों से चल रही है। कल रात को मूसाखेड़ी में संचालित होने वाली दुकान यहां शिफ्ट करने के हिसाब से काम शुरू हो गया। दोनों जगह में साढ़े तीन किलोमीटर का अंतर है। बताते हैं कि बिना अनुमति ठेकेदार मुकेश नामदेव ने यहां दुकान शिफ्ट कर दी। दुकानें आमने-सामने होने से ठेकेदारों के बीच में तनाव तो बाद में हुआ, रहवासियों ने मैदान पहले पकड़ लिया। कहना है कि नई दुकान रहवासी क्षेत्र में है, जो नहीं खोली जाना चाहिए जबकि सामने की पट्टी पूरी तरह से व्यावसायिक है।
इसको लेकर कलेक्टर मनीष सिंह को भी शिकायत की गई। सिंह ने आश्वासन दिया कि वे जांच कराएंगे। वहीं आबकारी अधिकारी राजनारायण सोनी को भी शिकायत की गई। हालांकि विभाग ने नई दुकान को अभी तक लाइसेंस नहीं दिया है, जिसके चलते विभाग उन्हें लौटने के निर्देश दे सकता है। मूसाखेड़ी की दुकान को पालदा में लाने से विधानसभा में भी बदलाव आ रहा है। पांच नंबर विधानसभा में दुकान थी जो अब तीन नंबर में आ रही है।