ज्यादातर स्कूलों में टीमों को बच्चे ही नहीं मिल रहे हैं। जहां बच्चे हैं वे या तो कम उम्र के हैं या फिर टीका लगवाने से परहेज कर रहे हैं। टीकाकरण के पहले दिन जिले में 15 हजार से ज्यादा को टीका लगा था। इसके बाद से रोजाना औसतन चार हजार के आसपास बच्चों को टीका लगाया जा रहा है। वहीं 15 से 17 वर्ष की उम्र के बच्चों को पहला और दूसरा टीका भी औसतन 200 से 300 ही लग पा रहे हैं।
हर दिन इकाई में आ रहे संक्रमित मरीज इधर, कोविड संक्रमण की रफ्तार भी धीमी पड़ गई है। पिछले कुछ दिनों से नए केसों का आंकड़ा इकाई का अंक पार नहीं कर पाया है। सक्रिय मरीजों की संख्या भी महज दो रह गई है। संभावित मरीजों की सैंपल जांच भी पहले के मुकाबले काफी कम हो गई है।
एक नजर - 15 से 17 वर्ष उम्र के किशोरों को पहला टीका का लक्ष्य 1,94,753 है, लेकिन अभी तक 158667 को ही टीके लग पाए है यानी 81 प्रतिशत टीका हो पाया है। वहीं दूसरा टीका 158527 बच्चों को लगाया जाना है, लेकिन अभी तक केवल 110667 को ही टीका लगा है जो 70 प्रतिशत है। इसी प्रकार 12 से 14 वर्ष की उम्र वाले बच्चों को पहला टीका 115099 लगाया जना है, लेकिन अभी तक 54,675 को ही लग पाया है जो 44 प्रतिशत है।