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सडक़ पर लहूलुहान बुजुर्ग तड़पते रहे, लोग वीडियो बनाते रहे, पुलिस बोलीं-108 ले जाएगी

locationइंदौरPublished: Sep 05, 2019 09:25:08 pm

मानवता शर्मसार : आधे घंटे बाद आई एंबुलेंस, दर्दनाक मौत

सडक़ पर लहूलुहान बुजुर्ग तड़पते रहे, लोग वीडियो बनाते रहे, पुलिस बोलीं-108 ले जाएगी

सडक़ पर लहूलुहान बुजुर्ग तड़पते रहे, लोग वीडियो बनाते रहे, पुलिस बोलीं-108 ले जाएगी

इंदौर. गुरुवार को शहर के व्यस्ततम जंजीरवाला चौराहा पर मानवता को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई। कार की टक्कर से गंभीर घायल सहकारिता कर्मचारी ने सडक़ पर आधे घंटे मदद के इंतजार में तड़पते हुए दम तोड़ दिया। मौके पर पहुंची डॉयल 100 उसे अस्पताल ले जाने की बजाए 108 एंबुलेंस का इंतजार करती रही, जो आधे घंटे देरी से पहुंची। बुजुर्ग को अस्पताल ले गए, लेकिन उनकी मौत हो चुकी थी।

 

तुकोगंज इलाके में जंजीरवाला चौराहे के आगे रत्नमणि कॉम्प्लेक्स के सामने गुरुवार सुबह 6 बजे पैदल जा रहे महेंद्र उपाध्याय (56) निवासी पाटनीपुरा को तेज रफ्तार कार टक्कर मारते हुए कुछ दूरी तक उन्हें घसीटते ले गई। उपाध्याय की चप्पल पीछे रह गई, हाथ में मौजूद सब्जी की थैली कुछ दूर जाकर गिरी। सिर में आई गंभीर चोट के चलते मौके पर काफी खून फैल गया। उपाध्याय दर्द से कराहते करीब आधे घंटे तक सडक़ पर ही पड़े रहे। धीरे-धीरे उनकी आवाज बंद हो गई।

 

डायल 100 वाले बोले, 108 ले जाएगी

प्रत्यक्षदर्शी के मुताबिक घटना के बाद काफी लोग इक_ा हो गए, कुछ ही देर में डॉयल 100 गाड़ी आ गई। लोगों ने गाड़ी में मौजूद पुलिसकर्मी व पायलेट से बुजुर्ग को तुरंत अस्पताल ले जाने को कहा, लेकिन वे कहने लगे कि 108 एम्बुलेंस को फोन लगाया है, वे लेकर जाएंगे। दो बार मैंने खुद १०८ एंबुलेंस पर फोन लगाया। दोनों बार पूरी जानकारी ली गई और कहा कि गाड़ी आ रही है। करीब आधे घंंटे बाद गाड़ी पहुंची। पहले बुजुर्ग के फोटो लिए, फिर उन्हें लेकर अस्पताल के लिए लेकर निकले। इस दौरान रिक्शा को भी रोकने की कोशिश की, लेकिन कोई नहीं रुका। मौके पर मौजूद लोग वीडियो बनाते रहे, जबकि घटना स्थल से कुछ दूरी पर ही क्योरवेल अस्पताल है। अगर सही समय पर बुजुर्ग को अस्पताल ले जाते तो शायद उनकी जान बच जाती।

 

सीहोर में रहता है परिवार

उपाध्याय सहकारिता विभाग में पदस्थ थे। मूल रूप से सीहोर के रहने वाले थे। पांच साल पहले ट्रांसफर हुआ तो इंदौर आए और यहां पर कमरा किराए पर लेकर अकेले रहते थे। रोज सुबह वे मॉर्निंग वॉक पर जाते थे। परिवार में पत्नी विजय, बेटा राहुल, बहू शिखा, बहन नेहा तिवारी व एक पोता है। छुट्टियों में वे सीहोर जाते थे। मोबाइल से पुलिस ने परिवार को घटना की जानकारी दी। परिवार जब इंदौर पहुंचा तो उन्हें मौत की जानकारी मिली। गुरुवार दोपहर एमवाय अस्पताल में पोस्टमॉर्टम के बाद परिवार शव अंतिम संस्कार के लिए सीहोर ले गया।

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