वे भरण-पोषण का पैसा भी नहीं चाहते। छह महीने से बेटे की काउंसलिंग की जा रही थी। उसे बताया, पिता की देख-रेख करना उसका दायित्व है। अगर वह पिता की देखरेख नहीं करेगा तो सीनियर सिटीजन अधिनियम के तहत उस पर कार्रवाई होगी। पुलिस की मेहनत आखिरकार रंग लाई। बुधवार को हुई काउंसलिंग के बाद वह पिता की देखरेख करने व मिलने के लिए घर जाने को तैयार हो गया।
लसूड़िया क्षेत्र निवासी महिला ने शिकायत की। पति को पैरालिसिस हो गया है। एक किराएदार था, वह भी मकान खाली कर गया। तब अलग रहने वाला बेटा जबरन घर आकर कमरे पर कब्जा कर लिया। काउंसलिंग में बेटे-बहू ने गलती मानते हुए माता-पिता का ध्यान रखने की बात कही।
पेंशन का पैसा ले लिया
परदेशीपुरा निवासी वृद्धा को पति की मौत होने पर पेंशन मिलती। वृद्धा ने तीनों बेटो में पैसा बराबर से बांट भी दिया फिर भी उन्हें परेशान करते व भरण-पोषण भी नहीं करते। काउंसलिंग में समझाइश के बाद बेटों ने मां के पैर पकड़कर माफी मांगी व भरोसा दिया कि आगे से उन्हें परेशान नहीं करेंगे।