इंदौर-1 : आसान नहीं टिकट की राह शहर की 6 विधानसभा सीटों में पहले नंबर की यह विधानसभा सीट के परिणाम हमेशा बदलने वाले रहे हैं। कभी बीजेपी तो कभी कांग्रेस के नेताओं का भाग्य चमकता रहा है। हालांकि वर्तमान में बीते तीन चुनावों से यहां बीजेपी के उम्मीदवार जीतते आ रहे हंै। इस क्षेत्र में व्यवसायी, पिछड़े व अल्पसंख्यक वर्ग के मतदाताओं की बहुलता है।
2013 के वोट
भाजपा : सुदर्शन गुप्ता : 293058
कांग्रेस : दीपू यादव : 37595 ये हैं चार मुद्दे
अतिक्रमण, अवैध कॉलोनियों में मूलभूत सुविधाओं का विकास, अपराध, लोकपरिवहन मजबूत दावेदार : भाजपा – उमाशशि शर्मा- पूर्व महापौर
– गोलू शुक्ला- भाजयुमो नेता
– सपना चौहान- पार्षद
– गोपाल मालू- पार्षद
भाजपा : सुदर्शन गुप्ता : 293058
कांग्रेस : दीपू यादव : 37595 ये हैं चार मुद्दे
अतिक्रमण, अवैध कॉलोनियों में मूलभूत सुविधाओं का विकास, अपराध, लोकपरिवहन मजबूत दावेदार : भाजपा – उमाशशि शर्मा- पूर्व महापौर
– गोलू शुक्ला- भाजयुमो नेता
– सपना चौहान- पार्षद
– गोपाल मालू- पार्षद
मजबूत दावेदार : कांग्रेस – संजय शुक्ला- पूर्व में लड़ चुके
– कमलेश खंडेलवाल- 2013 में निर्दलीय लडक़र 45382 मतों के साथ दूसरे नंबर पर रहे ये भी ठोक रहे ताल – सतीश कुमार मलिक – आम आदमी पार्टी
– मूलचंद यादव- समाजवादी पार्टी
– गोलू अग्रिनहोत्री, प्रेम बाहेती
– कमलेश खंडेलवाल- 2013 में निर्दलीय लडक़र 45382 मतों के साथ दूसरे नंबर पर रहे ये भी ठोक रहे ताल – सतीश कुमार मलिक – आम आदमी पार्टी
– मूलचंद यादव- समाजवादी पार्टी
– गोलू अग्रिनहोत्री, प्रेम बाहेती
राजनीतिक समीकरण
दलों के बीच चल रही उठापटक को देखते हुए। महिला उम्मीदवार का प्रयोग हो सकता है। इनमें इंदौर-1 को शामिल किया गया है। चुनौतियां अवैध कॉलोनाइजेशन, क्षेत्र की कॉलोनियों मंे मूलभूत सुविधाओं का विकास।
दलों के बीच चल रही उठापटक को देखते हुए। महिला उम्मीदवार का प्रयोग हो सकता है। इनमें इंदौर-1 को शामिल किया गया है। चुनौतियां अवैध कॉलोनाइजेशन, क्षेत्र की कॉलोनियों मंे मूलभूत सुविधाओं का विकास।
विधायक की परफॉर्मेंस – विधायक आपके द्वार अभियान से वे पांच साल तक इस क्षेत्र की हर कॉलोनी तक पहुंचे हैं। इसके अलावा रोजाना शहर के मध्य में जन अदालत भी लगाते हैं। विधायक निधि से ट्यूबवेल खुदवाए हैं। क्षेत्र में विकास कार्य को काफी हुए हैं फिर भी अवैध कॉलोनियां होने से अभी भी मूलभूत सुविधाओं का अभाव बना हुआ है। सडक़ें और ड्रेनज मुख्य समस्या है।
अनिरुद्ध मिश्रा, छात्र इंदौर-2 : दो बड़े नेताओं में होगा घमासान विधानसभा इंदौर-2 शहर का सबसे चर्चित क्षेत्र रहा है। हमेशा ही राजनीतिक समीकरण बदलते रहे हैं। मिल बहुल इलाका होने से यहां पर ट्रेड यूनियन का दबदबा रहा है, लेकिन अब बीजेपी का परंपरागत क्षेत्र बन चुका है। 4 विधानसभा चुनावों से यहां बीजेपी के विधायक ही काबिज हैं। सर्विस क्लास और मिल मजदूर आबादी बीच गुंडागर्दी बड़ा मुद्दा है।
2013 के वोट भाजपा : रमेश मेंदोला : 133669
कांग्रेस : छोटू शुक्ला : 42652 मजबूत दावेदार : भाजपा – आकाश विजयवर्गीय- राष्ट्रीय महासचिव के पुत्र
– हरिनारायण यादव – पूर्व आईडीए अध्यक्ष संगठन में पकड़
कांग्रेस : छोटू शुक्ला : 42652 मजबूत दावेदार : भाजपा – आकाश विजयवर्गीय- राष्ट्रीय महासचिव के पुत्र
– हरिनारायण यादव – पूर्व आईडीए अध्यक्ष संगठन में पकड़
मजबूत दावेदार : कांग्रेस – ङ्क्षचटू चौकसे- पार्षद पति व दिग्विजयङ्क्षसह समर्थक
– मोहन सेंगर- ङ्क्षसधिया गुट से, क्षेत्र में मजबूद पकड़ ये भी ठोक रहे ताल – सतीश शर्मा – आम आदमी पार्टी
– कुलदीप दुबे- अभिभाषक व सामाजिक कार्यकर्ता
– केके गोयल, अरुण बिवाल, राजेन्द्र राठौर, चंदू ङ्क्षशदे, राजेश चौकसे
– मोहन सेंगर- ङ्क्षसधिया गुट से, क्षेत्र में मजबूद पकड़ ये भी ठोक रहे ताल – सतीश शर्मा – आम आदमी पार्टी
– कुलदीप दुबे- अभिभाषक व सामाजिक कार्यकर्ता
– केके गोयल, अरुण बिवाल, राजेन्द्र राठौर, चंदू ङ्क्षशदे, राजेश चौकसे
राजनीतिक समीकरण राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय पुत्र आकाश को राजनीति में सक्रिय बनाए हुए है। वर्तमान विधायक मेंदोला के साथ खींचतान की स्थिति बन सकती है। चुनौतियां इस क्षेत्र में सामाजिक कार्यकर्ता भी काफी सक्रिय हैं। वे भी अपने कार्यों के आधार पर निर्दलीय या अन्य दलों से अपनी किस्मत आजमाते रहे हैं।
विधायक की परफॉर्मेंस बड़ी उपलब्धि नहीं है। अपनी पार्टी के पार्षदों और विधायक निधी का उपयोग करके वार्डों में विकास कार्य करवाएं है। क्षेत्र कोई बड़ी समस्या नजर नहीं आती है। पाटनीपुरा, मालवा मिल मंडी के लिए व्यवस्थित विकास योजना जरूरी है, जिससे ट्रैफिक की समस्या का निराकरण हो सकें।
पंकज ओझा, व्यापारी