लॉक डाउन के चलते दुकानों और उद्योग सहित अन्य व्यावसायिक गतिविधियां बंद होने के चलते अप्रैल, मई और जून के बिजली बिल में फिक्स चार्ज माफ करने की मांग उठाई गई थी। इसको ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बिजली बिलों में बड़ी राहत दी है। लॉक डाउन के चलते दुकान, बड़े-छोटे उद्योग, शोरूम, अस्पताल, रेस्टोरेंट, मैरिज गार्डन और पार्लर आदि से जहां अप्रैल से जून तक के बिजली बिलों पर फिक्स चार्ज नहीं लिया जाएगा। वहीं यह राशि अक्टूबर 2020 से लेकर मार्च 2021 तक छह माह समान किश्तों में बिना ब्याज के जमा की जा सकती है।
राज्य सरकार ने बिजली बिल में दी गई राहत का फायदा व्यावसायिक लोगों के साथ उन घरेलू उपभोक्ताओं को भी मिला है जो कि हर माह 100 से 150 यूनिट तक बिजली की खपत करके सस्ती बिजली बिल योजना का लाभ लेते हैं। राज्य सरकार के फैसले के चलते शहर के साढ़े ३ लाख उपभोक्ताओं के बिजली बिल आधे हो जाएंगे।
इसके चलते 100 यूनिट तक खपत करने वाले उपभोक्ताओं को जहां अब 50 रुपए बिजली बिल भरना है, वहीं 150 यूनिट तक बिजली जलाने वाले उपभोक्ताओं को 100 रुपए ही जमा करना है। अभी तक 150 यूनिट तक जलाने वाले उपभोक्ताओं को 400 रुपए के करीब राशि चुकाना पड़ रही थी। हालांकि पश्चिम क्षेत्र बिजली वितरण कंपनी के अंतर्गत आने वाले इंदौर-उज्जैन संभाग के 15 जिलों में तकरीबन 32 लाख उपभोक्ताओं के बिल की राशि आधी होगी।
वापस होगी राशि
बिजली वितरण कंपनी के अफसरों का कहना है कि सस्ती बिजली बिल योजना में शामिल जिन उपभोक्ताओं ने मार्च और अप्रैल महिने की राशि जमा कर दी है उनकी ज्यादा जमा राशि मई, जून और जुलाई के बिल में वापस की जाएगी। उदाहरण के लिए अगर किसी उपभोक्ता ने 100 रुपए बिजली बिल जमा कर दिया, उसकी आधी राशि 50 रुपए अगले बिल में एडजस्ट कर 100 रुपए की जगह 50 रुपए ही लिए जाएंगे। लॉक डाउन के चलते जिन उपभोक्ताओं ने मार्च और अप्रैल का बिल जमा नहीं किया होगा उनकी राशि मार्च और अप्रैल के बिल में ही एडजस्ट की जाएगी। बिजली बिल की राशि आधी करने के बाद बचा पैसा राज्य सरकार सब्सिडी के जरिए बिजली कंपनी को देगी।