रात में बिजली बंद होने पर शहर की जनता जब कॉल सेंटर के नंबर 1912 और संबंधित जोनल ऑफिस में टेलीफोन लगाने पर न तो कोई उठाता और अगर किस्मत से फोन उठ गया तो शिकायत को सुना-अनसुना कर सही ढंग से जवाब नहीं दिया जाता। नतीजतन परेशानी जनता को होती है। बिजली बंद होने पर रात में कॉल अटेंड न होने की शिकायत कंपनी प्रबंधन के अफसरों तक भी पहुंची, लेकिन व्यवस्था में कोई सुधार नहीं हुआ।
दो दिन पहले रविवार रात को आए आंधी-तूफान ने शहर की अधिकतर कॉलोनी-मोहल्लों में बिजली गुल दी। इसे चालू करने में पश्चिम क्षेत्र बिजली वितरण कंपनी के अफसरों को पूरी रात लग गई। रात में बिजली गुल होने की शिकायत करने के लिए लोगों द्वारा कॉल सेंटर सहित जोनल ऑफिस फोन लगाने पर अटेंड न करने का मामला कंपनी के प्रबंधक निदेशक विकास नारवाल तक पहुंचा। इस पर उन्होंने लोगों के कॉल अटेंड करने के लिए पोलोग्राउंड स्थित कॉल सेंटर पर स्टाफ बढ़ा दिया। जनता की सुनवाई करने के लिए कंपनी ने दिन और रात के लिए कर्मचारी बढ़ाए हैं। दिन की पारी में जहां 60-60 कर्मचारी जनता की शिकायतें सुनेंगे, वहीं रात में भी मौजूदा सीटों की संख्या बढ़ाकर अब 36 कर दी गई है। अब रात में 10 से लेकर सुबह 6 बजे तक कर्मचारी उपभोक्ताओं की बिजली बंद होने संबंधी कॉल अटेंड करेंगे। इसके बाद संबंधित जोन के लाइन स्टाफ को बताकर समस्या का समाधान कराएंगे। रात में तैनात रहने वाले कर्मचारियों को हिदायत दी गई है कि कॉल आने पर अटेंड नहीं करने की शिकायत मिली तो सीधे कार्रवाई होगी। हालांकि रात में बिजली जाने पर अभी तक कोई सुनवाई नहीं होती थी, लेकिन आंधी-तूफान की वजह से गुल हुई बिजली ने इस व्यवस्था को भी सुधार दिया।
कॉल सेंटर को कर रहे बेहतर बिजली वितरण कंपनी के प्रबंध निदेशक नरवाल ने कहा कि कॉल सेंटर को और बेहतर करने के प्रयास जारी हैं। उपभोक्ता ऊर्जस एप पर भी फ्यूज ऑफ कॉल यानि बिजली बंद होने की सूचना दे सकते हैं। इस पर भी कुछ सेकंडों में उसी तरह अमल होता है, जिस तरह काल सेंटर के 1912 नंबर पर होता है।