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गर्मी में खूब बिजली जलने से कंपनी को जुलाई माह में इंदौर शहर से ही 227 करोड़ रुपए की राशि मिली है। इंदौर से मिले राजस्व में निम्नदाब कनेक्शन से 171 करोड़ रुपए और उच्च दाब कनेक्शन से 56 करोड़ रुपए मिले हैं। कंपनी के सभी 15 जिलों में यह राशि 790 करोड़ के आंकड़े को छू गई। इससे बिजली की बढ़ी खपत के बाद राजस्व वसूली ने भी रिकॉर्ड बनाया है। पहली बार ऐसा हुआ है।
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प्लानिंग कर की गई वसूली
कंपनी के एमडी विकास नरवाल ने बिजली बिलों से राजस्व कलेक्शन के लिए शहर वृत्त के अधीक्षण यंत्री अशोक शर्मा से विशेष कार्ययोजना बनाने के लिए कहा था। इसके तहत भारी मात्रा में बिजली बिलों की राशि वसूली के लिए 70 इंजिनियरों सहित 300 अन्य कर्मचारियों को लगाया गया। कंपनी को राजस्व संग्रहण में बड़ी सफलता मिली और रिकॉर्ड तोड़ धन खजाने में जमा हुआ है।
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बिजली कंपनी के इतिहास में पहली बार हाईटेंशन (एचटी) और लोटेंशन (एलटी) का कलेक्शन 227 करोड़ रुपए तक पंहुचा है। इधर, कंपनी के सभी 15 जिलों से जुलाई माह के दौरान कुल 790 करोड़ रुपए का राजस्व संग्रहण बुधवार रात तक हुआ है। जुलाई माह के दौरान कंपनी का यह आंकड़ा भी सबसे बड़ा है। एमडी नरवाल ने इस राजस्व संग्रहण को कंपनी के मेहनती अफसरों और कर्मचारियों की अथक परिश्रम का फल बताया और सभी के कार्य की प्रशंसा की।
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610 मेगावॉट का आंकड़ा हो गया था पार
बीते दिनों गर्मी ने अपने तीखे तेवर दिखाए। इसका असर बिजली बिलों में दिखाई दिया। शहर में बिजली की मांग 610 मेगावॉट का आंकडा पार कर गई थी, क्योंकि गर्मी से बचने के लिए लोगों ने ठंडक देने वाले उपकरणों को फूल स्पीड पर चलाकर खूब बिजली जलाई। इससे उपभोक्ताओं के बिलों में राशि बढ़ गई।