चोरी की बिजली से वेल्डिंग करते पकड़ाया निगम का ठेकेदार, शिकायत होते ही भागा सामान समेटकर
इंदौर. नगर निगम का ठेकेदार दिन के उजाले में खुलेआम बिजली चोरी करते पकड़ाया। कलेक्टोरेट के पास चोरी की बिजली से नर्मदा के पाइप वेल्डिंग करने का
काम चल रहा था। इसकी जैसे ही लोगों ने शिकायत की तो ठेकेदार सहित काम कर रहे मजदूर सामान समेटकर भाग गए।
कलेक्टोरेट ऑफिस के पास नर्मदा की सप्लाय पाइप लाइन बिछाने का काम चल रहा है। पिछले कई दिनों से यह काम हो रहा है। इसके चलते जहां रोड को खोदकर रख दिया गया है, वहीं नर्मदा प्रोजेक्ट के अफसर काम में ढीलपोल रवैया अलग अपना रहे हैं। शुक्रवार को महावीर जंयती की छुट्टी होने पर कलेक्टोरेट बंद होने का फायदा नर्मदा की सप्लाय लाइन डालने वाले निगम के ठेकेदार ने उठाया। ठेकेदार ने डायरेक्ट बिजली लाइन पर तार डालकर डाले जा रहे लोहे के पाइपों का वेल्डिंग शुरू कर दिया। चोरी की बिजली से पाइप वेल्डिंग का काम होते देख समाजसेवी मुकेश अमोलिया ने मौके पर मौजूद ठेकेदार और मजदूरों से डायरेक्ट तार डालकर बिजली लेने की परमिशन दिखाने को कहा तो वे दिखा नहीं पाए। इस पर उन्होंने नर्मदा प्रोजेक्ट के इंजीनियर राजकुमार राठौर को फोन लगाकर परमिशन होने की बात पूछी, लेकिन उन्होंने भी इनकार कर दिया। बिजली चोरी से वेल्डिंग का काम होते देख उन्होंने तत्काल टोल फ्री नंबर 1912 पर शिकायत की और बिजली अफसरों को भी बताया। शिकायत होते देख ठेकेदार काम छोडक़र अपना सामान समेटकर मौके से भाग खड़ा हुआ। हालांकि बिजली चोरी कर काम करने की शिकायत आसपास के लोगों ने भी की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। ऐसे में पश्चिम क्षेत्र बिजली वितरण कंपनी के क्षेत्रीय अफसरों की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं, क्योंकि बकाया बिजली बिल वसूली के लिए अफसर गली-गली घूम रहे, तो फिर दिन के उजाले में हो रही बिजली चोरी उन्हें क्यों नहीं दिखी? जबकि अफसर घरों पर वसूली के साथ बिजली चोरी भी पकड़ रहे है।