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तरंगों से रीडिंग, चोरों की बत्ती गुल

locationइंदौरPublished: Apr 23, 2018 11:00:56 am

Submitted by:

Uttam Rathore

एक उपकरण से 10 कॉलोनी होंगी कवर, स्मार्ट मीटर के नेटवर्क का काम पूरा होने को, बिजली वितरण कंपनी की पहल

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उत्तम राठौर
इंदौर. पश्चिम क्षेत्र बिजली वितरण कंपनी शहर में देश के सबसे स्मार्ट मीटर लगाने जा रही है। यह बिजली चोरी रोकेंगे साथ ही मोबाइल की तरह रेडियो फ्रीक्वेंसी तकनीक से रीडिंग का काम होगा। एक रीडिंग टॉवर से दस कॉलोनियां यानी चार वर्ग किमी क्षेत्र तक के सभी रेडियो फ्रीक्वेंसी वाले बिजली मीटरों की रीडिंग हो सकती है। इससे एनर्जी ऑडिट भी घर पहुंचे बिना किया जा सकेगा। इस महीने के अंत में रेडियो फ्रीक्वेंसी मीटर लगाने और नेटवर्क का काम खत्म होने के साथ इस पर काम शुरू होगा।
लगेंगे 50 हजार स्मार्ट मीटर
इंदौर स्मार्ट सिटी में 50 हजार स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। सभी औपचारिकताएं पूरी हो गई हैं। जिस कंपनी को काम दिया गया, उसने नेटवर्क स्थापना का काम शुरू कर दिया है, जो इसी महीने पूरा होगा। मोबाइल टॉवर की तरह बिजली जोन या नगर निगम के वार्डों के बीच नेटवर्क कायम रखने के लिए टॉवर जैसे संयंत्र लगाए जाएंगे।
बॉक्स की तरह होंगे टॉवर
यह संयंत्र मोबाइल टॉवर जितने ऊंचे नहीं होंगे, सिर्फ एक बाय दो फीट के बॉक्स जैसे होंगे। इन बॉक्स का रेडियो फ्रीक्वेंसी संपर्क उस क्षेत्र विशेष के सभी स्मार्ट मीटरों से 24 घंटे सातों दिन होगा, यानी बिजली वितरण कंपनी जिस मीटर की सुबह, शाम या 24 घंटे की रीडिंग चाहेगी, वह मिल जाएगी। इसी तरह एक डीटीआर यानी वितरण ट्रांसफार्मर से प्रवाहित बिजली की जानकारी मौजूदा वक्त में कंपनी के पास है, उसी तरह आरएफ बिजली मीटरों की संयुक्त जानकारी एकत्र कर दफ्तर से ही एनर्जी आडिट किया जा सकेगा। यह योजना देश में अब तक सबसे बड़ी बताई जा रही है। इस तरह की मीटर रीडिंग प्रदेश में नहीं हुई। चंडीगढ़, बेंगलुरु, दिल्ली, मुंबई में भी 10 से 15 हजार मीटरों की स्थापना ही हुई है। बिजली कंपनी ने यह काम एलएंडटी को दिया है। ये मीटर बिजली चोरी वाले स्थान जैसे खजराना, सिरपुर, आजाद नगर, मिल क्षेत्र में लगाने का फैसला लिया गया है।
विदेशों में वाहनों से रीडिंग
विदेश में इस तरह के मीटरों की रीडिंग वाहनों से की जाती हैं। वाहन जहां घूमते हैं, वहां की रीडिंग अपने आप वाहनों के संयंत्र में दर्ज होती जाती है। हर वार्ड, जोन के आधार पर वाहनों के घूमने के दिन तय होते हैं, वहां चोरी की संभावना कम होती है।
रेडियो फ्रीक्वेंसी जैसे मीटरों की स्थापना का सरकारी काम पूरा हो चुका है। इसी महीने कंपनी को शहर में विभिन्न स्थानों पर नेटवर्क की स्थापना का काम करना है। दो-तीन महीने में मीटर भी लग जाएंगे। एक नेटवर्क प्लेस यानी टॉवर से हजारों मीटरों की एक साथ रीडिंग संभव होगी।
आकाश त्रिपाठी, एमडी मप्रपक्षेविविकं, इंदौर
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