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VIDEO : भरभराकर गिरा निर्माणाधीन प्रवेश द्वार, चाय पीने गए मजदूर तो बच गए, मची भगदड़

locationइंदौरPublished: May 01, 2019 11:55:32 am

भरभराकर गिरा निर्माणाधीन प्रवेश द्वार, चाय पीने गए मजदूर तो बच गए, मची भगदड़

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VIDEO : भरभराकर गिरा निर्माणाधीन प्रवेश द्वार, चाय पीने गए मजदूर तो बच गए, मची भगदड़

इंदौर. घटिया क्वालिटी और डिजाइन की खामियों के चलते लालबाग पैलेस के सामने बन रहा गेट मंगलवार दोपहर 4.30 बजे भरभराकर गिर पड़ा। यहां काम कर रहे मजदूर चाय पीने चले गए इसलिए बाल-बाल बच गए।
नगर निगम लालबाग पैलेस के सामने अर्जुनपुरा-बाराभाई की ओर जाने वाले रास्ते पर प्रवेश द्वार बनवा रहा है। अफसरों को कहना है, ठेकेदार की गलती से गेट गिरा है। साथ ही जिम्मेदार अफसरों की भी जांच कराई जाएगी। प्रवेश द्वार बनाने का काम महीनेभर से चल रहा है। प्रवेश द्वार के दोनों तरफ फाउंडेशन पर 500-500 एमएम के चार कॉलम बनाए थे। दोनों कॉलम को मिलाते हुए छह इंच मोटी छत चार दिन पहले डाली गई थी। 20 दिन में छत पकती है। इसके पहले ही ठेकेदार ने उस पर काम शुरू कर दिया। छत पर लगभग 700 एमएम का बीम भरा जा रहा था। दोपहर के वक्त मजदूर चाय पीने गए थे, इसी दौरान हादसा हुआ। प्रवेश द्वार की छत गिरने से बाईं और के दोनों पिलर भी उखड़ गए। निर्माण कार्य के चलते रास्ता बंद था, नहीं तो बड़ा हादसा हो सकता था।
घबराहट में मची भगदड़, नहीं पहुंचा ठेकेदार

तेज आवाज के साथ छत-पिलर गिरने से क्षेत्र में भगदड़ की स्थिति बन गई। घबराकर लोग इधर-उधर भागते नजर आए। लोगों ने मजदूरों के दबे होने के डर में पुलिस को सूचना दी। छत्रीपुरा पुलिस तुरंत घटनास्थल पर पहुंची और भीड़ को दूर किया। इसके बाद निगम के जोनल अधिकारी मोहन टांक और रिमूवल अमला पहुंचा। अमले ने प्रवेश द्वार का मलबा हटाना शुरू किया। घटना के घंटेभर बाद भी प्रवेश द्वार बना रहा ठेकेदार घटनास्थल पर नहीं पहुंचा। जोनल अधिकारी टांक ने कहा, घटना के कुछ देर पहले ठेकेदार राठौर से मोबाइल पर बात हुई थी, लेकिन घटना के बाद उसने फोन उठाना ही बंद कर दिया।
42 लाख में हुआ टेंडर

नगर निगम ने जून 2018 में लालबाग पैलेस के सामने, रामद्वारा के सामने, गणगौर घाट और राजस्वग्राम स्थित बाल विनय मंदिर के सामने प्रवेश द्वार बनाने के लिए 36 लाख के टेंडर जारी किए थे। ठेकेदार फर्म बालाजी के मुकेश राठौर ने ये काम 42 लाख रुपए में लिया। टेंडर पिछले साल हो गया था, लेकिन काम अब शुरू हुआ। यह काम जोनल स्तर पर स्वीकृत हुआ था। इस पर नजर रखने की जिम्मेदारी भी उनकी ही थी। जोनल अधिकारी और उपयंत्री ने ध्यान दिया और ठेकेदार अपने हिसाब से निर्माण करता रहा।
घटिया गुणवत्ता का निर्माण

– हादसे के पीछे जो प्रमुख कारण सामने आए हैं, निर्माण की घटिया क्वालिटी प्रमुख है।
– कॉलम के सरिए पिलर गिरने के साथ टूटकर अलग हो गए।
– पिलर में चार सरिए की रिंग दिख रही है, जो भारी स्ट्रक्चर के लिए नाकाफी है।
– चार दिन पहले डाली गई छत के मजबूत होने (तय 20 दिन के समय) से पहले ही तराफे हटा दिए।
– स्लैब की क्षमता से ज्यादा का बीम भरा जा रहा था, जिससे दो पिलर टूटे, दो में दरार आ गई।
– पिलर के सपोर्ट के लिए कांक्रीट वाल भी सीधी न होकर टेढ़ी बनाई जा रही थी।
– ठेकेदार की गलती से घटना हुई। ठेकेदार ने छत की तरी किए बगैर पूरी तरह से पकने से पहले ही खोल दिया। कमजोर छत पर काम शुरू कर दिया था। इस कारण ही हादसा हुआ। अफसरों ने इस पर ध्यान दिया या नहीं, इसकी भी जांच कराएंगे।
एनएस तोमर, अधीक्षण यंत्री, नगर निगम
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