इंदौर . शहर में कमर्शियल इ-व्हीकल के चलन को बढ़ावा देने के लिए परिवहन विभाग एेसे वाहनों को परमिट में छूट दे रहा है। दरअसल पर्यावरण को
ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने इ-रिक्शा को लेकर कुछ समय पहले नोटिफिकेशन जारी किया था। इसके बाद से शहर में दर्जनों इ-रिक्शा अपने हिसाब से रूट पर चल रहे हैं।
जानकारी के अनुसार वर्तमान में शहर में 200 से अधिक इ-रिक्शा और इ-लोडिंग रिक्शा रजिस्टर्ड हैं। नियमानुसार वाहनों को कमर्शियल यूज के लिए परमिट लेना पड़ता है। रूट पर चलने वाले ऑटो रिक्शा को रूट परमिट लेना जरूरी होता है। इसके लिए आरटीओ में बतौर हजारों रुपए फीस-दलाली देना पड़ती है, लेकिन इ-रिक्शा के लिए परिमट की छूट दी गई है। इसके पीछे केंद्र सरकार के उस आदेश का हवाला है जिसमें में पर्यावरण बेहतर रहे और इन वाहनों का अधिक से अधिक उपयोग हो सके।
हर जगह हो रहा है उपयोगबैटरी से चलने वाले इन कमर्शियल वाहनों का उपयोग अब हर सेक्टर में होने लगा है। शहर में सवारी गाड़ी, स्कूल वैन, लोडिंग रिक्शा, आरओ वॉटर प्लांट आदि जगह पर इसका तेजी से उपयोग हो रहा है। डीजल और पट्रोल गाड़ी के खर्च की तुलना में यह काफी सस्ता पड़ता है। शहरवासी भी इन रिक्शा का इस्तेमाल कर रहे हैं।
क्रिसेंट वॉटर पार्क पर 75 हजार का जुर्माना क्रिसेंट वॉटर पार्क पर जिला प्रशासन ने 75 हजार का जुर्माना किया है। पार्क में खुशबू ब्रांड का मोठ का पैकेट रखा था, जिस पर पूरी जानकारी नहीं थी। मिथ्याछाप होने पर कार्रवाई की और अपर कलेक्टर ने दंड किया।
31 मई 2017 को खाद्य सुरक्षा अधिकारी सोनपाटकी ने क्रिसेंट पार्क का दौरा किया। वहां खुशबू ब्रांड का होमपैक मिला, जिस पर जानकारी नहीं लिखी थी। लैब से मिथ्याछाप की रिपोर्ट मिलने पर अपर कलेक्टर कैलाश वानखेड़े की अदालत में केस दर्ज किया। पार्क की ओर से कहना था कि माल उन्होंने चंचल ट्रेडर्स से खरीदा। ट्रेडर्स का कहना था कि कानून की जानकारी नहीं थी, अब गलती नहीं होगी। कल क्रिसेंट वॉटर पार्क व चंचल ट्रेडर्स की प्रोप्राइटर शुभांगी काकाणी के खिलाफ 75-75 हजार का दंड कर दिया।