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एस्कॉर्ट वेबसाइट पर 25 से 100 डॉलर तक चार्ज, 25 प्रतिशत हिस्सा देता पाकिस्तानी को

locationइंदौरPublished: Aug 08, 2022 08:08:29 pm

15 बैंक खातों की जांच, कर्मचारियों के नाम भी खुलवा रखे थे बैंक खाते

एस्कॉर्ट वेबसाइट पर 25 से 100 डॉलर तक चार्ज, 25 प्रतिशत हिस्सा देता पाकिस्तानी को

एस्कॉर्ट वेबसाइट पर 25 से 100 डॉलर तक चार्ज, 25 प्रतिशत हिस्सा देता पाकिस्तानी को

इंदौर. एस्कॉर्ट व मसाज वेबसाइट के जरिए सर्विस देने का दावा करनेे वाले ग्राहक से सेवा के लिए 25 से 100 डॉलर तक का चार्ज लेते थे। कंपनी संचालक इसमें से 25 प्रतिशत राशि पाकिस्तानी साथी को देता था। पुलिस को 15 बैंक खातों का पता चला है जिसकी जानकारी निकाली जा रही है।
भोलाराम उस्ताद मार्ग की बिल्डिंग में संचालित अर्गेलाइन टेक्नोलॉजी प्रा. लि. कंपनी के ऑफिस से पुलिस ने 7 कम्प्यूटर व लेपटॉप जब्त किए है जिसकी तकनीकी जांच कराई जा रही है। एडिशनल डीसीपी गुरुप्रसाद पाराशर के मुताबिक, प्रारंभिक जांच में 4-5 वेबसाइट का पता चला है। इन वेबसाइट के जरिए लोगों को एस्कॉर्ट व मसाज सर्विस उपलब्ध कराई जा रही थी। कई लड़कियों के फोटो व मोबाइल नंबर सेव थे। ग्राहक के संपर्क करने पर बिट क्वॉइन व डॉलर में राशि ली जाती थी। यहां पर 25 से 100 डॉलर के बीच रेट तय था। जो भी ग्राहक संपर्क करता तो उसे बैंक अकाउंट का नंबर दिया जाता था जिसमें राशि जमा करने पर संबंधित का मोबाइल नंबर मिल जाता था। 15 बैंक खाते मिले है जिसमें से कुछ कंपनी के नाम तो कुछ कर्मचारियों के नाम है। कंपनी का संचालक प्रशांत शिंदे के गोवा में होने की जानकारी मिली जिसे लेकर तकनीकी साक्ष्य इकट्ठा किए जा रहे है। प्रशांत ने पाकिस्तान के फय्याज के साथ मिलकर यह काम शुरू किया था। फय्याज के पास ही वेबसाइट का सर्वर पाकिस्तान में है। पुलिस ने कंपनी के मैनेजर संतोष सोलंकी के साथ ही कर्मचारी पुष्पेंद्र ठाकुर, कुंदन सिंह सिन्हा, मानेंद्र सिंह पटेल, पवन गोस्वामी, अमेय माइंदे, कृष्णपाल सिंह, जितेंद्र जैन को पकड़ा था। प्राथमिक पूछताछ के बाद इन्हें छोड़ दिया है। वेबसाइट को बंद कराने के लिए भी प्रयास शुरू किए गए है।
कई बड़ी कंपनियों के लिए भी काम
पुलिस ने जहां छापा मारा वहां कर्मचारियों को 80 हजार से एक लाख रुपए वेतन मिलता था। छानबीन में पता चला कि एस्कॉर्ट सर्विस की वेबसाइट डेवलप करने के साथ ही कुछ बड़ी कंपनियों का काम भी इन लोगों के पास था। वैध काम के साथ अवैध काम भी कर रहे थे।
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