वक्त बदलता है… उन्होंने कहा कि वक्त का तकाजा है कि आज लोगों को वो संगीत पसंद नहीं आता जैसा मैं बनाता हूं, पर वक्त बदलता है। मुझसे पहले जो अच्छा संगीत देते थे उनका दौर भी खत्म हुआ, यह दौर भी खत्म होगा और कुछ नया आएगा। जब मैं संगीत बना नहीं रहा होता हूं तो संगीत सुनना मेरा पंसदीदा काम है। इनमें लता और मदन मोहन के गीत मेरे करीब है। संजय लीला भंसाली की फिल्मों को सिर्फ अपने संगीत से हिट करा चुके इस्माइल दरबार का कहना है कि यह भगवान की कृपा है कि जब हम दोनों मिलते हैं तो जादू हो जाता है और कुछ ऐसा क्रिएट हो जाता है जो लोगों को बेहद पसंद आता है।