script

एडीएम के प्यून ने मानसिक बीमार किशोरी को बदमाशों के चंगुल से छुड़ाया

locationइंदौरPublished: Oct 05, 2018 10:06:10 pm

Submitted by:

Krishnapal Chauhan

-छेड़छाड़ से डरी किशोरी खुद को बचाने के लिए बाइक पर बैठ गई
-अधिकारियों ने घटना के बारे में सुन थाने में शिकायत की सलाह दी

केशरबाग रोड पर मानसिक बीमार किशोरी को सरेराह बदमाशों द्वारा छेडऩे का सनसनीखेज मामला सामने आया है। सुबह के वक्त रोड पर खुलेआम हो रही छेड़छाड़ को देख एडीएम के प्यून वहां रूके थे। इसके बाद बदमाश वहां से भाग निकले। घटना से घबराई किशोरी बगैर कुछ सोचे समझे कर्मचारी की बाइक के पीछे बैठ गई। डर की वजह से वह कुछ बोल नहीं पा रही थी। इसके बाद कर्मचारी उसे कलेक्टर कार्यालय स्थित दफ्तर लेकर पहुंचे। मामला अधिकारी तक पहुंचा तो उन्होंने तत्काल घटना के बारे में पुलिस को सूचना देकर बदमाशों के खिलाफ केस दर्ज कराने की सलाह दी।
रावजी बाजार टीआई संतोष सिंह के मुताबिक मानसिक बीमार किशोरी से छेड़छाड़ करने के मामले में अज्ञात बदमाशों के खिलाफ छेड़छाड़ व पास्को एक्ट के तहत गुरुवार को केस दर्ज किया है। पीडि़ता को थाने लेकर पहुंचे सुरेश वैष्णव निवासी हवाबंगला ने घटना की जानकारी दी है। उन्होंने बताया वे रोज की तरह सुबह ९ बजे कलेक्टर कार्यालय स्थित बाइक से अपने दफ्तर जा रहे थे। वे जैसे ही केशरबाग रोड पहुंचे, तब उन्हें कुछ बदमाश एक किशोरी को घेरकर छेड़ते हुए दिखे। एक बदमाश ने किशोरी का हाथ पकड़ा तो दूसरा बुरी नीयत से उसे छेड़ रहा था। यह देख वे वहीं रूक गए। तब किशोरी ने उन्हें मदद के लिए आवाज भी लगाई। वह दौड़ते हुए उनके पास पहुंची और उनकी बाइक पर बैठ गई। किशोरी को इस हालत में देख वे उसे अपने दफ्तर लेकर पहुंचे। सुरेश ने बताया कि वे एडीएम दफ्तर में प्यून के पद पर हैं। उन्होंने दफ्तर पहुंचते ही घटना की जानकारी एडीएम को दी। उनके आदेश के बाद वे किशोरी को लेकर थाने पहुंचे और केस दर्ज कराया।
माता-पिता के सुपुर्द किया

घटना की जानकारी लगते ही थाने पहुंचे। इसके बाद किशोरी को मेडिकल के लिए भेजा गया। उसके बारे में पता चला है की वह मानसिक रूप से बीमार है। वर्तमान में वह चंदननगर थाना क्षेत्र में परिवार के साथ रहते हैं। सुबह माता-पिता जब काम के सिलसिले में निकले तब वह घर पर किसी को बिना बताए निकल गई। वह पैदल घर से केशरबाग रोड तक पहुंच गई। दोपहर २ बजे से लेकर देर रात कार्रवाई के लिए थाने पर खड़े रहे। बाल संरक्षण अधिकारी भी पूरे समय वहां रहे। मेडिकल के बाद किशोरी को बाल कल्याण समिति के आदेश पर शेल्टर होम पहुंचाया गया। सुबह उसके परिजनों से संपर्क हुआ। इसके बाद किशोरी को उसके परिजनों के सुपुर्द किया है।
जितेंद्र परमार, चाईल्ड लाईन सेंटर कॉर्डिनेटर

ट्रेंडिंग वीडियो