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देश में हर 5वें व्यक्ति को हाइपरटेंशन, आधे से ज्यादा को पता नहीं

locationइंदौरPublished: May 17, 2022 02:36:10 pm

Submitted by:

Manish Gite

hypertension day 2022- कोरोना के बाद पिछले दो वर्ष में तेजी से बढ़े हाई बीपी के मरीज…>

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इंदौर। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक भारत में ग्रामीण क्षेत्रों में 25 प्रतिशत और शहरी क्षेत्र में 42 प्रतिशत लोगों को हाइपरटेंशन है। इनमें आधे से ज्यादा को तो पता ही नहीं है। जिन्हें पता है वह नियमित दवा ही नहीं लेते हैं। असंतुलित जीवनचर्या, तनाव, व्यायाम की कमी, धूम्रपान, हार्मोनल अनियमितताएं इसके प्रमुख कारण हैं।

 

कोरोना के कारण बढ़ी समस्या

एक शोध के अनुसार कोरोना के बाद लोगों में हाई ब्लड प्रेशर की शिकायतें बढ़ी है। ऐसा रेनिन सिस्टम के कारण हो रहा है जो कि किडनी पर प्रभाव डालता है। कम उम्र के लोगों में भी हाई बीपी की शिकायत सामने आ रही है। ब्लड प्रेशर के मरीजों को डिजिटल मशीन पर आंख बंद करके भरोसा नहीं करना चाहिए। मर्करी मशीन से जांच करना भी जरूरी है।

 

शुगर के मरीजों को खतरा ज्यादा

कॉर्डियोलॉजिस्ट डॉ. सिद्धांत जैन का कहना है कि हाई ब्लड प्रेशर नियमित चेकअप से ही पकड़ में आ सकता है। इसके कारण हार्टअटैक, ब्रेन हेमरेज, किडनी फैलियर जैसी बीमारियां हो सकती हैं। शुगर के मरीजों में हाई ब्लड प्रेशर की संभावना तीन गुना तक बढ़ जाती है।

 

हाइपरटेंशन से बचाव के ये हैं तरीके

खानपान में हरी सब्जियों, सलाद, पानी का भरपूर उपयोग करें।
हर रोज कम से कम 45 मिनट योगा व व्यायाम करना चाहिए।
रोजाना 7 से 8 घंटे की नींद जरूर लें।
धूम्रपान व शराब का सेवन बिलकुल ना करें।
समय-समय पर बीपी की जांच करवाते रहें।

 

खुद को तनाव मुक्त रख करें जांच

कार्डिक सर्जन डॉ. मोहम्मद अली ने बताया कि लोग घर पर ही नियमित रूप से बीपी चेक करें और खुद को तनाव मुक्त रखें। बीपी चेक करने के लिए आधे घंटे पहले खाना-पीना बंद कर दें। इससे सही परिणाम मिलेंगे।

 

12.50 प्रतिशत का बीपी ही कंट्रोल में

वरिष्ठ ह्रदय रोग विशेषज्ञ डॉ. राकेश जैन ने बताया कि केवल 28 प्रतिशत लोगों को बीमारी के बारे में पता है और सिर्फ 15 प्रतिशत ही इलाज ले रहे हैं। कुल मरीजों में से 12.50 प्रतिशत का बीपी ही नियंत्रण में है।

 

समय पर जांच से बचेगी जान

मधुमेह रोग विशेषज्ञ डॉ. भरत साबू ने अपने इंदौर सहित 9 शहरों के महत्वपूर्ण सर्वे के परिणामों के आधार पर बताया कि नियमित रूप से दवाई लेने वाले डायबिटिक मरीजों में से 23 प्रतिशत को नहीं पता कि उन्हें हाइपरटेंशन है। यह उनके हार्ट, ब्रेन, लिवर, किडनी और आंखों को खराब कर रहा है। सर्वे को ’यूरोपियन कांग्रेस ऑफ एंडोक्राइनोलॉजी में स्थान दिया गया है। सर्वे का सार है कि अगर समय पर जांच करवाएं तो कई मरीजों की जान बचाई जा सकती है।

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