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तीन लाख की रिश्वत लेने वाले ‘घूसखोर’ पर गिरी गाज, रात 2.30 बजे बिगड़ी तबीयत तो ले गए अस्पताल

locationइंदौरPublished: Aug 02, 2019 12:32:37 pm

लोकनिर्माण विभाग के मुख्य अभियंता कार्यालय के सहायक यंत्री संतोष मालवीय को सौंपा उनका प्रभार

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तीन लाख की रिश्वत लेने वाले ‘घूसखोर’ पर गिरी गाज, रात 2.30 बजे बिगड़ी तबीयत तो ले गए अस्पताल

इंदौर. तीन लाख की रिश्वत लेते पकड़ाए लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन यंत्री (ईई) धर्मेंद्र जायसवाल को मुख्यालय ने अगले ही दिन गुरुवार को सस्पेंड कर सागर अटैच कर दिया। मुख्य अभियंता कार्यालय इंदौर में पदस्थ सहायक यंत्री संतोष मालवीय को जायसवाल की जगह प्रभारी ईई बनाया गया है। वहीं जांच के दौरान जायसवाल की तबीयत बिगड़ गई। उन्हें बुधवार देर रात करीब ढाई बजे पलासिया के निजी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। इस बीच, लोकायुक्त ने जायसवाल की संपत्ति की भी जांच शुरू कर दी है और लोक निर्माण विभाग व राजस्व विभाग से इस संबंध में जानकारी मांगी है।
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खरगोन के ठेकेदार मेहरुद्दीन खान की शिकायत पर लोकायुक्त डीएसपी संतोषसिंह भदौरिया की टीम ने जायसवाल को पलासिया स्थित निवास पर 3 लाख की रिश्वत लेते रंगेहाथों पकड़ा था। घर के ऑफिस में उन्होंने रिश्वत की राशि ली थी। आरोप है कि 50 लाख के रुके बिल के भुगतान के एवज में यह राशि मांगी गई। डीएसपी भदौरिया के मुताबिक, ऑफिस में छानबीन के दौरान ड्रॉज में करीब 9 लाख 27 हजार रुपए और जब्त किए गए हैं। हालांकि यह राशि किस संबंध में है इसकी जानकारी अभी तक नहीं लग पाई है।
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जायसवाल पर कई मामलों में चल रही है विभागीय जांच

लोक निर्माण विभाग के संभाग क्रमांक एक में पदस्थ सहायक यंत्री ( प्रभारी कार्यपालन यंत्री) धर्मेंद्र जयसवाल की शिकायत लोक निर्माण मंत्री सज्जन सिंह वर्मा को भी की गई है। प्रमुख अभियंता आरके मेहरा ने जायसवाल के इस कृत्य को मप्र सिविल सेवा आचरण नियम के तहत अशोभनीय कृत्य की श्रेणी में होने के कारण तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। उन्होंने बताया, जायसवाल के खिलाफ कई जिलों में विभागीय जांच चल रही है। उनके इंदौर आने के बाद से ही ठेकेदारों को परेशान करने की कई शिकायतें अधिकारियों को मिली थी।
मंत्री को की थी भ्रष्टाचार की शिकायत

मंत्री को जायसवाल द्वारा पूर्व में एसडीओ के पद पर रहते हुए कई मार्गों में किए भ्रष्टाचार की शिकायत भी की गई है। शिकायत में बड़वाह में ग्वालू थरवर मार्ग पर हुए मेंटेनेंस कार्य का उल्लेख है। इसमें बताया गया है कि भ्रष्टाचार की सीमा लांघते हुए कैसे पूरे रोड को खराब कर दिया। इसके बाद पीएस ने निरीक्षण में अनियमितताएं पकड़ी और सवा करोड़ रुपए वसूलने और एग्रीमेंट रोकने के आदेश दिए। इस प्रकार कातौरा से बकावा मार्ग पर भी भ्रष्टाचार किया गया। इस कार्य में भी ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट कर 3 किलोमीटर रोड की डामर व डब्ल्यू एमएम दोबारा से करवाया।
लोकायुक्त जांच के बाद विचार

लोकायुक्त द्वारा रिश्वत लेते पकड़े जाने पर धर्मेंद्र जायसवाल को निलंबित कर दिया है। लोकायुक्त की कार्रवाई के बाद विभागीय जांच होगी। अगर पहले से कोई डीई चल रही है, तो उसकी जानकारी मुझे नहीं है।
दीपक तिवारी, चीफ इंजीनियर
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