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करोड़ों की धंधा बन गया है चंदे की अवैध वसूली

locationइंदौरPublished: Sep 11, 2018 06:49:06 pm

सभी प्रमुख बाजारों में त्यौहार में सक्रिय हो जाते है बदमाश, छावनी मंडी में व्यापारियों के साथ किसान भी बनते है शिकार

इंदौर. प्रदेश की व्यवसायिक राजधानी कहे जाने वाले इंदौर शहर में त्यौहार के दौरान में चंदे के नाम पर अवैध वसूला का करोड़ों का धंधा बन गया है। धार्मिक आयोजनों के नाम पर शहर भर के असामाजिक तत्व बड़े बाजारों में जाते है और वहां दादागीरी दिखाते हुए वसूली करते है। व्यापारी राशि नहीं दें तो वसूलीबाज तोडफ़ोड़ व गंदगी फेंकने पर उतर जाते है। सबसे बड़ी मंडी में शामिल छावनी अनाज मंडी में तो व्यापारियों के साथ ही वहां अपनी उपज देने आने वाले किसान भी इस अवैध धंधेे को शिकार बन जाते है।
गणेश उत्सव नजदीक आने के साथ ही वसूली करने वाले सक्रिय हो गए है। सियागंज, न्यू सियागंज, कपड़ा मार्केट, महारानी रोड, छावनी, जेल रोड, बंगाली चौराहा, पाटनीपुरा, स्कीम न. 54 के सभी व्यापारी इन दिनों वसूलीबाजों के साए में है। व्यापारियों के मुताबिक, धार्मिक आयोजन किसी भी इलाके में हो लेकिन आसामाजिक तत्व उसकी रसीद बुक लेकर बाजार में पहुंच जाते है। दुकान जितनी बड़ी है उतना ज्यादा चंदा मांगते है और नहीं देने पर पत्थर व गंदगी फेंकने जैसा काम करने लगते है। पिछले कुछ दिनों से इस तरह की टोलियां बाजार में सक्रिय हो गई है और व्यापारी सभी से परेशान हो गए है। विशेषज्ञ कहते है कि बाजार पर इस तरह दादागीरी कर होने वाली चंदा वसूली का कारोबार करोड़ों का हो गया है। व्यापार चलाने के लिए इन्हें राशि देना ही पड़ती है। व्यापारियों का कहना है कि पुलिस को चंदा वसूली की पूरी जानकारी होती है लेकिन वे कार्रवाई नहीं करते हुए एक तरह से संरक्षण देने लगती है। तोडफ़ोड़ व अन्य परेशानियों के कारण व्यापारी चंदे की आड़ में अवैध वसूली का शिकार हो रहे है।
छावनी अनाज मंडी में तो व्यापारियों के साथ किसान भी पीडि़त है। छावनी अनाज मंडी के आसपास दो मुख्य आयोजन व्यापारियों के दम पर ही होते है। साथ ही आसपास की बस्तियों के आयोजन के नाम पर चंदा वसूलने वाले मंडी के चक्कर लगाने लगे है। मंडी में करोड़ों का व्यापार होता हैै। इंदौर ही नहीं आसपास के कई जिलों के ग्रामीण अपनी उपज बेचने के लिए यहां आते है। दोनों गेट पर वाहनों की कतार लगी रहती है। इन लोगों के वाहन तभी आगे बढऩे दिए जाते है जो वे वसूली करने वालों को उनके मनमाफिक चंदा दें। राशि नहीं देने पर वाहनों का आगे नहीं बढऩे दिया जाता, कई बार तो आनाज भी उतार लिया जाता है। यहां पर त्यौहार के दौरान धार्मिक आयोजन के नाम पर व्यापारियों को जबरन चंदे की रसीद सौंपकर वसूली जाती है। इस बार भी वसूली शुरू हो गई थी लेकिन व्यापारियों की हड़ताल के कारण अभी बंद है। व्यापारियों के साथ ही किसानों के साथ भी जमकर चंदा वसूली होती है।
जमकर होती है खड़ी कराई
व्यापारी बताते नहीं है लेकिन छावनी अनाज मंडी में खड़ी कराई के नाम पर लाखों की वसूली सालभर होती है। मनमाफिक रेट नहीं हो तो अनाज लेकर आने वाले ट्रक को खाली नहीं होने दिया जाता है।
चंदा वसूली होती है, पुलिस से मांगेंंगे मदद
कृषि उपज किसानी मंडी एसोसिएशन के अध्यक्ष मनोज काला ने माना कि मंडी में कुछ लोग जमकर चंदा वसूली करते है। व्यापारी और किसानों को परेशान कर आयोजन के नाम पर चंदा वसूला जाता है। व्यापारियों ने अभी तक शिकायत नहीं की है लेकिन पुलिस अफसरों को पत्र लिखकर इस तरह के तत्वों के खिलाफ कार्रवाई के लिए मदद मांगी जाएगी।
नहीं होने देंगे जमकर वसूली, करेंगे सख्त कार्रवाई: डीआईजी
किसी भी आयोजन के नाम पर चंदा वसूली नहीं करने दी जाएगी। किसी भी बाजार में अगर वसूली होती है तो व्यापारी पुलिस को शिकायत करें, पुलिस जानकारी गोपनीय रखते हुए सख्त कार्रवाई करेगी।
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