रिआन ने बुधवार को अंतिम सांस ली। रिआन अब इस दुनिया में नहीं है इसकी जानकारी के बाद उसकी मां ने उसे सीने से लगा लिया। करीब एक घंटे तक मां अपने मृत बेटे को गले लगाए बैठी रही। मां को रोता देख अस्पताल में मौजूद डॉक्टरों और स्टॉफ की आंखें भी नम हो गई। परिजनों ने किसी तरह मां के गले से बेटे रिआन को अलग कर नेत्रदान की प्रक्रिया पूरी कराई। बताया जा रहा है कि रिआन को दिल की गंभीर बीमारी थी।
सियागंज के किराना व्यापारी कोहित बजाज के बेटे रियान बजाज की मौत के बाद उसका नेत्रदान का फैसला परिजनों ने किया। इसके बाद उसका पर्वायवरण हित को देखते हुए लड़की की बजाए कंडों से उसका दाह संस्कार किया गया।
तबीयत खराब होने के कारण रियान को दो दिन पहले निजी अस्पताल में भर्ती किया गया था। बुधवार सुबह कार्डियक अटैक के कारण उसकी मौत हो गई। परिजनों ने दुख की इस घड़ी में हिम्मत दिखाते हुए नेत्रदान का निर्णय लिया और दो लोगों की जिंदगी को रोशन कर दिया। परिवार द्वारा नेत्रदान के लिए परिवार के मुस्कान सेवादार जीतू बगानी को फोन करके बुलाया गया और नेत्रदान किया गया। मुस्कान ग्रुप के सेवादार जीतू बगानी ने बताया रिआन अभी तक सबसे छोटा बच्चा है। जिसकी आंख दान की गई है। इसके पहले 2013 में छह साल की एक बच्ची की मौत के बाद परिजनों ने उसकी आंख दान दी थी।