राज्य साइबर सेल एसपी जितेंद्र सिंह ने बताया, इंटरनेट फ्रॉड के मामले में भोपाल साइबर सेल ने जॉनी ब्राउन (६२) निवासी मंडला व मो. अली उर्फ सलीम मिर्जा (४४) निवासी मुंबई को गिरफ्तार किया था। दोनों को इंदौर साइबर सेल प्रोडक्शन वारंट पर गुरुवार को लेकर आई। दोनों को दो दिन का रिमांड मिला है। ३ मई २०१७ को एक्सपोर्ट कारोबारी मुकुल अग्रवाल के खाते से इंटरनेट फ्रॉड के जरिए २० लाख रुपए मो. जावेद निवासी चंदौशी उत्तरप्रदेश व अशोक मिश्रा निवासी लखनऊ के नाम पर खुलवाए गए। जांच में आया, जावेद के नाम से फर्जी खाता नूर मो. ने खुलवाया था। उसे साइबर सेल ने उत्तरप्रदेश से गिरफ्तार कर खाते में १० लाख रुपए फ्रीज करवाए थे। अशोक मिश्रा के नाम से खाता राजेंद्र सतनामी ने खुलवाया था। इस खाते में फोटो जॉनी ब्राउन का लगा था। उसके फोटो का इस्तेमाल कर राजेंद्र ने रीवा, जबलपुर व भोपाल में भी खाते खुलवाए थे। राजेंद्र को साइबर सेल गिरफ्तार कर चुकी है। जॉनी ब्राउन पहले ड्रामा कंपनी, थिएटर, डांस पार्टी व छत्तीसगढ़ की फिल्मों में काम कर चुके हैं।
मुकुल के खाते से रुपए ट्रांसफर करने के लिए उसकी सिम को मुंबई में बंद करवाकर फिर से राजेश कनोजिया ने जारी करवाया था। ये सिम उसने मो. अली को दी थी। अली ने फर्जीवाड़े के लिए इसे जमीर मुनीर शेख को दी। इसके बदले में अली को ७ हजार रुपए मिले थे। राजेश को साइबर सेल गिरफ्तार कर चुकी है। जमीर फिलहाल फरार है। अली को वर्ष २०१३ में बैंक फ्रॉड के मामले में दिल्ली ईओडब्ल्यू गिरफ्तार कर चुकी है। जेल से छूटने पर फिर से ठगी करने पर नोएडा में वो पकड़ाया था। आरोपित ने पूछताछ में बताया, फर्जीवाड़े के लिए सिम जारी करवाने वाले को ३० से ४० हजार रुपए व सिम डिलेवरी करने पर ७ से १० हजार रुपए मिलते थे।
फेसबुक पर नौकरी का विज्ञापन देकर ठगे हजारों
शहर में ऑनलाइन फ्रॉड व बैंककर्मी बनकर ठग लोगों को निशाना बनाने से नहीं चूक रहे हैं। इस बार ऑनलाइन फ्रॉड में अन्नपूर्णा पुलिस को अजीब शिकायत मिली है। इसमें फेसबुक पर विज्ञापन के नाम पर एक इंजीनियर के खाते से हजारों रुपए निकलने की बात सामने आई है। जांच के लिए पुलिस ने शिकायतकर्ता को साइबर सेल से मदद लेने की सलाह दी है।
पुलिस के मुताबिक, पाश्र्वनाथ नगर में रहने वाले दिलीप चौधरी ने गुरुवार दोपहर थाने पहुंचकर ठगी की शिकायत की। उन्होंने टीआई बीएल मंडलोई को बताया, वे पीथमपुर स्थित आयशर कंपनी में इंजीनियर हैं। ४ दिसंबर की दोपहर १ बजे उन्हें तीन मिनट के अंतराल में मोबाइल पर कई मैसेज मिले। इनमें फेसबुक विज्ञापन के नाम ४ बार १ हजार, ३ बार ५०० व २ बार २०० रुपए डेबिड कार्ड से विड्रॉल होने की जानकारी मिली। गड़बड़ी लगने पर उन्होंने एचडीएफसी बैंक से संपर्क कर अपना कार्ड ब्लॉक करवाया और घटना की सूचना दी।
शहर में ऑनलाइन फ्रॉड व बैंककर्मी बनकर ठग लोगों को निशाना बनाने से नहीं चूक रहे हैं। इस बार ऑनलाइन फ्रॉड में अन्नपूर्णा पुलिस को अजीब शिकायत मिली है। इसमें फेसबुक पर विज्ञापन के नाम पर एक इंजीनियर के खाते से हजारों रुपए निकलने की बात सामने आई है। जांच के लिए पुलिस ने शिकायतकर्ता को साइबर सेल से मदद लेने की सलाह दी है।
पुलिस के मुताबिक, पाश्र्वनाथ नगर में रहने वाले दिलीप चौधरी ने गुरुवार दोपहर थाने पहुंचकर ठगी की शिकायत की। उन्होंने टीआई बीएल मंडलोई को बताया, वे पीथमपुर स्थित आयशर कंपनी में इंजीनियर हैं। ४ दिसंबर की दोपहर १ बजे उन्हें तीन मिनट के अंतराल में मोबाइल पर कई मैसेज मिले। इनमें फेसबुक विज्ञापन के नाम ४ बार १ हजार, ३ बार ५०० व २ बार २०० रुपए डेबिड कार्ड से विड्रॉल होने की जानकारी मिली। गड़बड़ी लगने पर उन्होंने एचडीएफसी बैंक से संपर्क कर अपना कार्ड ब्लॉक करवाया और घटना की सूचना दी।
ओटीपी नहीं मिला
मामले में चौंकाने वाली बात यह है कि इंजीनियर चौधरी फेसबुक बहुत कम चलाते हैं। एेसे में फेसबुक विज्ञापन के नाम उनके खाते से रुपए कटते चले गए और उन्हें कोई वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) भी नहीं मिला। अन्नपूर्णा थाना टीआई नई किस्म की ठगी के बारे में सुनकर दंग रह गए और इंजीनियर का शिकायती आवेदन लेकर मामले में साइबर सेल अधिकारी से मदद लेने की सलाह दी।
मामले में चौंकाने वाली बात यह है कि इंजीनियर चौधरी फेसबुक बहुत कम चलाते हैं। एेसे में फेसबुक विज्ञापन के नाम उनके खाते से रुपए कटते चले गए और उन्हें कोई वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) भी नहीं मिला। अन्नपूर्णा थाना टीआई नई किस्म की ठगी के बारे में सुनकर दंग रह गए और इंजीनियर का शिकायती आवेदन लेकर मामले में साइबर सेल अधिकारी से मदद लेने की सलाह दी।