बाणगंगा पुलिस ने आरोपी प्रदीप व अजय को गिरफ्तार किया था। ऑनलाइन शॉप की आड़ में विशेष सॉफ्टवेयर के जरिए आरोपी फर्जी आधार कार्ड, जाति, आय प्रमाण पत्र के साथ ही अन्य दस्तावेज बना देते थे। टीआइ राजेंद्र सोनी व एएसआइ जबरसिंह भदौरिया ने छानबीन की तो पता चला कि कलेक्टोरेट के लोक सेवा केंद्र में कार्यरत कर्मचारियों की मिलीभगत से पूरा फर्जीवाड़ा चल रहा है। एजेंटों के जरिए आरोपी लोगों से रुपए लेकर फर्जी प्रमाण पत्र बना देते थे। अभी तक 8 आरोपी पकड़े गए है। एएसआइ जबरसिंह के मुताबिक, राज गोयल निवासी गौरीनगर को गिरफ्तार किया और उसकी निशानदेही पर 18 फर्जी आय व जाति प्रमाण पत्र बरामद हुए। जय निजी मेडिकल कॉलेज का कर्मचारी है। जांच में पता चला कि ग्राम मौरोद हाट के पंचायत सचिव प्रकाश के लॉगइन आइडी का इस्तेमाल कर ऑनलाइन प्रमाण पत्र बनाए गए। पुलिस ने पंचायत से संपर्क किया तो पता चला कि प्रकाश का 30 अक्टूबर को तबादला हो गया है। वहां से हटने के बाद भी उसने 12 नवंबर को पुलिस को पत्र लिखकर सूचना दी कि सभी प्रमाण पत्र असली है। इस पत्र की पंचायत से छानबीन कराई तो उन्होंने प्रमाण पत्र फर्जी होने की जानकारी दी। इधर, प्रकाश ने कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर कर दी जिसे खारिज कर दिया गया। पुलिस ने राज को जेल भेज दिया है। प्रकाश के साथ ही एक एजेंट शाकिर व लोक सेवा केंद्र की कर्मचारी वर्षा की तलाश की जा रही है।