एसटीएफ एसपी गीतेश गर्ग ने बताया कि आमला टोल के कर्मचारी जितेंद्र जाट ने उन्हें जानकारी दी थी कि कार से एक व्यक्ति यहां अक्सर पहुंचता है और खुद को आईपीएस विपिन माहेश्वरी बताया है। इस पर पुलिस ने इसे गंभीरता से लेते हुए नजर रखना शुरू कर दिया। अब यह शख्स पुलिस की गिरफ्त में आ गया। एसटीएफ एसपी ने बताया कि शनिवार को घेराबंदी कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया। उसके इंदौर स्थित शालीमार टाउन के मकान में सौ से ज्यादा चेकबुक और सिम कार्ड मिले हैं। उसे रविवार को ही कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया गया। बताया जाता है कि ज्योतिर्मय विजयवर्गीय पर पहले भी धोखाधड़ी के मामले (conspiracy to defraud ) कोर्ट में चल रहे हैं।
कार के लिए दिया 14 लाख रुपए का चेक :-:
बताया जाता है कि आरोपी ज्योतिर्मय विजयवर्गीय ने 2020 में राजीव आर्य निवासी इंदौर से 14 लाख रुपए में फार्च्यूनर कार खरीदी। इसके एवज में उसने कार मालिक को जो चेक दिए, वे सभी बाउंस हो गए। यह जानकारी भी सामने आई है कि वह ऐसे बैंक अकाउंट का चेक देकर पैसे लेता था, जिसमें जीरो बैलेंस होता था। उसके पास से 100 से अधिक चेक बुक और एक लक्जरी गाड़ी मिली है।
आईजी ने कर रखा है नंबर ब्लॉक :-:
12वीं पास ज्योतिर्मय का बातचीत करने का तरीका और हुलिया किसी आईपीएस से कम नहीं है। मोबाइल में आईजी राकेश गुप्ता का भी नंबर है, लेकिन उन्होंने उसका नंबर ब्लाक कर रखा है। एसपी गर्ग ने बताया कि इंदौर के लसूड़िया थाने में भी उसके खिलाफ छेड़छाड़ और जान से मारने की धमकी के केस दर्ज हैं।