पुलिस टीम ने तिलकनगर में आरोपी के इंस्टिट्यूट के ऑफिस पर छापा मारकर छानबीन की। वहां से 7 कम्प्यूटर मॉनीटर, 6 सीपीयू, 2 प्रिंटर, 14 फर्जी सर्टिफिकेट, 50 मार्कशीट के कोरे कागज व एक मोबाईल फोन, 2 रजिस्टर (जिसमे फर्जी सर्टिफिकेट बनाये हुये कुल 554 नामो का उल्लेख है, जब्त किए। पूछताछ में पता चला कि आरोपी 4-5 वर्षो से 10 वी,12वी, स्नातक की फर्जी मार्कशीट बनाने का कार्य कर रहा था। आरोपी द्वारा महाराष्ट्र बोर्ड ऑफ हायर सेकेण्डरी एजुकेशन, राजस्थान बोर्ड, विलियम केरी युनिवर्सिटी, मेवाड युनिवर्सिटी, सनराईस युनिवर्सिटि, संघाई युनिवर्सिटी, डीआरसीबी रमन युनिवर्सिटी, ओपीजीएस युनिवर्सिटी, एसआरके युनिवर्सिटी, आईसेक्ट युनिवसिटी, आरकेडीएफ युनिवर्सिटी आदि के फर्जी सर्टिफिकेट बनाये जाते थे। परीक्षा फॉर्म भरवाकर फर्जी मार्कशीट जारी कर देता था या फिर कई लोगों को सीधे 10-15 हजार रुपए लेकर फर्जी मार्कशीट व सर्टिफिकेट जारी किए। आरोपी द्वारा कुल 554 लोगो फर्जी संर्टिफिकेट बनाये जाकर लगभग 1.5 करोड रूपये कमाने की बात सामने आए है। जिन यूनिवर्सिटी की फर्जी मार्कशीट जारी की गई पुलिस उन्हें सूचना दे रही है। जो लोगों ने फर्जी मार्कशीट बनवाई उनकी भी तलाश की जाएगी।