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नकल शाखा से निकला कथित आइएएस का फर्जी आदेश!

locationइंदौरPublished: Jul 20, 2021 09:44:43 pm

अब तक जांच के आधार पर निकाला निष्कर्ष, सभी कर्मचारियों के होंगे बयान

नकल शाखा से निकला कथित आइएएस का फर्जी आदेश!

नकल शाखा से निकला कथित आइएएस का फर्जी आदेश!

इंदौर। कथित आइएएस अफसर संतोष वर्मा के मामले में फर्जी आदेश की जांच निष्कर्ष तक पहुंचती नजर आ रही है। पुलिस को मानना है कि यह आदेश नकल शाखा से जारी हुआ है, उसमें हस्ताक्षर भी कर्मचारी के है। सभी के बयान लेने के बाद आरोपी बढ़ाने की तैयारी है।
एमजी रोड पुुलिस ने जज की शिकायत पर फर्जी आदेश को लेकर प्रशासनिक अधिकारी संतोष वर्मा के खिलाफ केस दर्ज किया है। संतोष वर्मा के खिलाफ महिला ने केस दर्ज कराया था, मामला कोर्ट में विचाराधीन है लेकिन फिर भी दोषमुक्त होने का आदेश विभागीय पदोन्नति के लिए पेश किया गया था। पुलिस ने संतोष वर्मा को दो बार रिमांड पर लेकर पूछताछ की, तत्कालीन जिला अभियोजन अधिकारी अकरम शेख व अन्य लोगों के बयान लिए।
सीएसपी हरीश मोटवानी व टीआइ धर्मवीरसिंह नागर के नेतृत्व में जांच चल रही है। अब तक की जांच में नकल सेक्शन शाखा की भूमिका सामने आ रही है। अफसरों के मुताबिक, संतोष वर्मा ने जो आदेश सामान्य प्रशासन विभाग को सौंपा था वह नकल शाखा से जारी हुआ। उसमें हस्ताक्षर शाखा के कर्मचारी के है। कर्मचारियों के पहले केस दर्ज करने के दौरान बयान हुए थे लेकिन अब शाखा की भूमिका सामने आने से फिर से सभी को बयान के लिए बुलाया जा रहा है। बयान से साफ होगा कि फर्जी आदेश तैयार करने में किस-किस की भूमिका थी। सीएसपी के छुट्टी पर चले जाने से इसमें देरी हुई। उनके लौटने पर सोमवार को एसपी, पूर्व आशुतोष बागरी ने पूरे मामले की जांच कर बयान के बाद आरोपी के नाम बढ़ाने के लिए निर्देशित किया है।
6 दिन में भोपाल तक पहुंच गया आदेश
पुलिस को 3 जून से 8 जून तक आदेश भोपाल में सामान्य प्रशासन विभाग तक पहुंचने की जानकारी मिली है। पूरी प्रक्रिया बेहद तेजी से हुई। अफसरों के मुताबिक, 3 तारीख को केस ट्रांसफर हुआ, 6 का आदेश बताया जबकि उस दिन जज के छुट्टी पर होने की बात सामने आई। 7 तारीख को नकल का आवेदन हुआ और 7 तारीख को ही नकल जारी भी हो गई। 8 तारीख को संतोष वर्मा ने आदेश भी विभाग में जमा करा दिया। सभी काम बेहद जल्दी में हुए जो तमाम आशंकाएं पैदा कर रहे है। तत्कीलन अभियोजन अधिकारी ने बयान में बताया कि उन्हें जो आदेश दिखाया गया था वह तथा पेश आदेश अलग-अलग है। सीएसपी मोटवानी का कहना है, अभी जांच चल रही है, सभी के बयान होने पर ही आरोपी बढ़ेंगे।
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