एसपी निवेदिता गुप्ता के मुताबिक, 10 दिन के अंदर रेल मंत्रालय, आरपीएफ को गुजरात के सूरत, उत्तरप्रदेश के गोरखपुर और महाराष्ट्र के बांद्रा में बम की सूचना देने के मामले में आरोपी मिलन 44 पिता संतलाल रजक निवासी सुभाष नगर गोलीवर रोड सांताक्रूज ईस्ट मुंबई और प्रमोद 25 पिता विनोद माली निवासी मानखुर्द वेस्ट शिवाजी नगर मुंबई को उज्जैन से गिरफ्तार किया है। 18 मई को आरपीएफ उज्जैन को रात 10.47 बजे ट्विटर के माध्यम से सूचना मिली थी कि गोरखपुर-बांद्रा एक्सप्रेस में अज्ञात व्यक्ति ने चेन पुलिंग कर बम रखा है। जीआरपी, आरपीएफ, पुलिस का डॉग स्क्वॉड, बम स्क्वॉड उज्जैन स्टेशन पर चेकिंग के लिए पहुंची। डेढ़ घंटे सर्चिंग के बाद पता चला कि सूचना झूठी है।
बाद में पता चला कि इसी तरह ट्रेन के वडोदरा, गुजरात पहुंचने पर भी ट्वीट किया था। उसमें लिखा था कि यात्रियों को बचाया जाए नहीं तो बड़ा एक्सीडेंट हो सकता है। तकनीकी जांच में पता चला, आरोपी मिलन के द्वारा ट्विटर हैंडल किया जा रहा है। उसका फोटो व अन्य जानकारी भी मिली। टीम उसे पकडऩे जाने वाली थी। पता चला कि आरोपी ने 10 दिन में रेल मंत्रालय और आरपीएफ को ऐसे ही बम की सूचना दी। तीन राज्य में भी ट्रेन की चेकिंग में कुछ नहीं मिला। सभी घटनाओं में एक ट्वीटर हैंडल की बात सामने आई। अंदेशा हुआ कि आरोपी ट्रेन में सवार है। तत्काल उज्जैन के अधिकारी और निरीक्षक एमए सैयद के नेतृत्व में उज्जैन जीआरपी थाने के एसआइ आरएस महाजन व अन्य ने आरोपियों को धरदबोचा।
…तो नहीं करनी पड़ती दूसरी ट्रेन में ड्यूटी एसपी ने बताया, आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि वे ट्रेन में कांट्रेक्ट के अंतर्गत सफाई का काम करते हैं। दोनों मुंबई रहते हैं। जिस ट्रेन में दोनों की ड्यूटी है वह सुबह साढ़े आठ बजे पहुंचती। यदि ट्रेन समय पर पहुंचती तो कांट्रेक्टर फिर ग्यारह बजे वाली ट्रेन में ड्यूटी लगा देता। आरोपियों को पता था कि यात्री समस्या का ट्वीट करते हैं तो जल्द समाधान हो जाता है। दोनों ने ट्रेन को गंतव्य पर देरी से पहुंनाने के लिए झूठा ट्वीट कर दिया ताकि 11 बजे वाली ट्रेन छूट जाए। इससे कांट्रेक्टर उन्हें शाम की ट्रेन पर भेजता। इस बीच वे परिवार के साथ समय बिताते।
पत्नी गर्भवती थी तब भी किया था ट्वीट एक आरोपी ने बताया कि उसके घर हाल ही में बच्चा हुआ है। कुछ दिन पहले पत्नी गर्भवती थी तब भी उसने झूठा ट्वीट किया था। उन्हें छह हजार रुपए प्रतिमाह तनख्वाह मिलती है। अवकाश नहीं मिलता है। डेढ़ साल से काम कर रहे हैं। एसपी ने बताया कि डीआरएम, रतलाम को इस संबंध में पत्र व्यवहार किया है।