प्रशासकीय कार्य सुविधा की दृष्टि से निगमायुक्त आशीष सिंह ने थोकबंद में आदेश निकाले हैं, जो कि अफसर से लेकर बाबू और कर्मचारियों के साथ सफाईकर्मियों को लेकर है। उन्होंने फेरबदल करते हुए अभी तक महत्वपूर्ण विभाग में बैठे बाबुओं को ऐसी जगह पहुंचा दिया, जहां पर बैठकर सजा ही काटना है। निगम गलियारों में चर्चा है कि फेरबदल की वजह काम के प्रति लगातार लारवाही बरतना और लोगों के काम करने की बजाय टालमटोल करना है। साथ ही एक ही विभाग में वर्षों से बैठकर अपनी मोनोपाली और मनमर्जी चलाने वाले बाबुओं पर भी गाज गिराई गई है। आदेश में उद्यान और स्वास्थ्य विभाग के भी कई कर्मचारियों को इधर से उधर किया गया है। साथ ही इनके काम पर लगातार नजर रखने और लापरवाही बरतने पर कार्रवाई के निर्देश अफसरों को दिए गए हैं।
इन पर हुई कार्रवाई -निगम में फेरबदल के चलते निकले थोकबंद आदेश के तहत राजस्व विभाग के उपायुक्त अरुण शर्मा को इस काम से मुक्त करके उपायुक्त लता अग्रवाल को जिम्मेदारी सौंपी गई है। हालांकि शर्मा से पहले राजस्व विभाग की उपायुक्त अग्रवाल ही थीं, लेकिन 31 मार्च की टैक्स वसूली को देखते हुए जिम्मेदारी शर्मा को सौंप दी गई थी।
-जल कर विभाग में प्रभारी सहायक राजस्व अधिकारी हरीश पुरोहित का तबादला जोन क्रमांक 7 पर कर दिया गया, जो कि लंबे समय से यहां पर टिके हुए थे। -जनकार्य विभाग के क्लर्क अजीत सिंह चौहान का भी तबादला कर निगम कंट्रोल रूम पर तैनात कर दिया गया है, जो कि काफी समय से जनकार्य विभाग में कार्यरत थे।
-सहायक यंत्री प्रतीक चतुर्वेदी को शाला प्रकोष्ठ का कामकाज सौंपा गया है। -जोन क्रमांक 4 के अंतर्गत स्वस्थ्य विभाग में कार्यरत प्रभारी क्लर्क रणजीत हरीश नागर का तबादला करते हुए मुख्यालय स्थित स्वास्थ्य कंट्रोल रूम पर तैनात कर दिया गया है।
-ट्रेंचिंग ग्राउंड पर तैनात प्रभारी सहायक दरोगा अवधेश गौहर को प्रभारी सहायक दरोगा बनाकर वार्ड 39 में भेज दिया गया है। -वर्कशॉप विभाग में कार्यरत कर्मचारी अमित शुक्ला को टं्रेचिंग ग्राउंड, सफाईकर्मी वीरेंद्र गौहर को वार्ड क्रमांक 10 से वार्ड क्रमांक 12, अमृत धर्मराज को वार्ड क्रमांक 12 से वार्ड क्रमांक 10, वार्ड 81 के सफाईकर्मी अविनाश करोसिया को जीपीएफ शाखा में भेजा गया।